जानिए ऋषिकेश का लक्ष्मण झूला और राम झूला कितने वर्ष पुराना है?

ऋषिकेश का लक्ष्मण झूला करीब 90 वर्ष पुराना है गंगा नदी पर बना यह झूलता हुआ 450 फीट लंबा पुल है।उत्तराखंड में एक ऐसा शहर जहां विश्व प्रसिद्ध तीन पुल भगवान राम के परिवार के नाम से जाने जाते हैं, लक्ष्मण झूला, राम झूला और जानकी सेतु जो पूरे विश्व में राम नाम की आस्था का गुणगान करते हैं |

लक्ष्मण झूला के समान राम झूला भी नजदीक ही स्थित है। यह झूला शिवानंद और स्वर्ग आश्रम के बीच बना है इसलिए इसे शिवानंद झूला के नाम से भी जाना जाता है। राम झूला की लंबाई 750 फीट है ,बताया जाता है कि इस पुल का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है, इस पुल का निर्माण 1983 में करवाया गया था।।

पौराणिक कथाओं के अनुसार लक्ष्मण ने इस स्थान पर जूट की रस्सियों के सहारे गंगा नदी को पार किया था। जिस कारण इस पुल का लक्ष्मण झूला नाम पड़ा था। इसके टूटने के बाद स्वामी विशुदानंद की प्रेरणा से कलकत्ता के सेठ सूरजमल झुहानूबला ने यह पुल सन् 1889 में लोहे के मजबूत तारों से बनवाया, इससे पूर्व जूट की रस्सियों का ही पुल था एवं रस्सों के इस पुल पर लोगों को छींके में बिठाकर खींचा जाता था।

लेकिन लोहे के तारों से बना यह पुल भी 1924 की बाढ़ में बह गया। इसके बाद 1930 में ब्रिटिश सरकार के शासन काल में फिर इसका पुनः निर्माण करवाया गया था | इस पुल के पश्चिमी किनारे पर भगवान लक्ष्मण का मंदिर है जबकि इसके दूसरी ओर श्रीराम का मंदिर है। कहा जाता है कि श्रीराम स्वयं इस सुंदर स्थल पर पधारे थे। पुल को पार कर बाईं ओर पैदल रास्ता बदरीनाथ को तथा दायीं ओर स्वर्गाश्रम को जाता है।

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