जानिए आखिर बरगद के पेड़ से जुड़े कुछ अनसुने रहस्य क्या हैं?

बरगद का जीवन किसी दूसरे पौधे की सतह से शुरू होता है. इसके बीज अन्य पेड़ों की शाखाओं पर उगते हैं और इसकी बेल जैसी जड़ें धीर-धीरे जमीन की ओर बढ़ती हैं.

बरगद अपने मेजबान पेड़ तक पहुंचने वाली सूरज की रोशनी को रोकने लगता है.

इसकी जड़ें जमीन के नीचे तेज़ी से बढ़ती हैं और आसपास के पेड़ों को पानी और पोषक तत्वों से वंचित कर देती हैं.

इन संसाधनों का उपयोग करके बरगद का तना मोटा होता जाता है. बरगद का पेड़ बढ़ता ही जाता है जहां तक इसका परिवेश इसे बढ़ने देता है.

थिम्मम्मा मारिमनु की 4,000 से अधिक जड़ें हैं जिससे इसका चंदोवा बनता है.

चक्रवाती तूफानों और सूखे से इसे नुक़सान पहुंचा है. इसकी जड़ों का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया है लेकिन यह पेड़ अब भी फैल रहा है.

जिन पहाड़ियों के बीच यह पेड़ खड़ा है वहां जल निकासी की बेहतरीन सुविधा है. सूरज की रोशनी भी पर्याप्त मिलती है और इसे फैलने की जगह भी भरपूर है.

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