जानिए आखिर जामवंती के साथ भगवान श्रीकृष्ण का विवाह कैसे हुआ था?

भगवान श्रीकृष्ण पर स्यामंतक मणि की चोरी का आरोप लगा तो उस मणि को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते वह रायसेन जिले के जंगलों में आ गए। यहां जामगढ़ की गुफा के पास श्रीकृष्ण का जामवंत से 27 दिन तक युद्ध हुआ। बाद में जामवंत ने मणि श्रीकृष्ण को दी और अपने बेटी जामवंती का विवाह उनके साथ कर दिया। 

-युद्ध का उक्त स्थान रायसेन जिले के कस्बा बरेली से लगभग 15 किमी दूर नेशनल हाईवे पर बसे ग्राम खरगोन से लगभग 2 किमी दूर स्थित गुफा है। जो जामवंत की गुफा के नाम से जानी जाती है।

-विंध्यांचल पर्वत श्रंखला की एक पहाड़ी में बनी गुफा भगवान कृष्ण और जामवंत के बीच एक लंबे युद्ध की साक्षी है। यह गुफा महाभारत काल के कई प्रमाणों को समेटे है।
-कहा जाता है कि 27 दिन के युद्ध के बाद जामवंत ने अपनी बेटी जामवंती का विवाह भगवान कृष्ण से किया और स्यामंतक मणि उन्हें उपहार के रूप में भेंट की।
-इस तरह श्रीकृष्ण ने जामवंत से मणि प्राप्त कर अपने ऊपर लगे चोरी के कलंक को धोया। धार्मिक ग्रंथ प्रेमसागर में इसका उल्लेख है।
-भागवत महापुराण में भी इस घटना का उल्लेख मिलता है। गुफा के इतिहास को कुरेदने और किवदंतियों की सच्चाई को जानने कई पुरातत्वविदों ने यहां आकर अध्ययन किया।

मणि भगवान सूर्य ने दी थी
-स्यामंतक मणि को इंद्रदेव धारण करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को इस मणि के लिए युद्ध करना पड़ा था।
-उन्होंने मणि के लिए नहीं बल्कि खुद पर लगे मणि चोरी के आरोप को गलत साबित करने के लिए जामवंत से युद्ध करना पड़ा था।
-दरअसल, यह मणि भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा के पिता सत्राजित के पास थी और उन्हें यह मणि भगवान सूर्य ने दी थी।

सत्राजित ने श्रीकृष्ण पर आरोप लगा दिया कि यह मणि उन्होंने चुराई
-सत्राजित ने यह मणि अपने देवघर में रखी थी।
-वहां से वह मणि पहनकर उनका भाई प्रसेनजित शिकार के लिए चला गया। जंगल में उसे और उसके घोड़े को एक सिंह ने मार दिया और मणि अपने पास रखी ली।
-सिंह के पास मणि देखकर जामवंत ने सिंह को मारकर मणि उससे ले ली और उस मणि को लेकर वे अपनी गुफा में चले गए, जहां उन्होंने इसको खिलौने के रूप में अपने पुत्र को दे दी।
-इधर सत्राजित ने श्रीकृष्ण पर आरोप लगा दिया कि यह मणि उन्होंने चुराई है।

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