जानिए आखिर किसी के मरने पर घर के सामने लकड़ी जलाकर धुआं क्यों करते हैं?

सवाल में “जलाने” के स्थान पर “सुलगाना” शायद अधिक सार्थक शब्द होता।

हिन्दू समाज मे परिवार में किसी के दिवंगत होने पर घर के सामने आग सुलगाकर धुआँ करने का रिवाज हैं। इस प्रथा के पीछे का रहस्य समझना चाहिए।

सुलगती आग और उससे उठता हुआ धुआं परिवार जनों, सगे-संबंधी तथा स्नेही लोगों की असहनीय मानसिक पीड़ा का प्रतीक है। उनकी वेदना को आंसू देखकर महसूस करना राख में सुलगती आग का अहसास धुआं देखकर करने जैसा है।

ऐसे अवसर पर किसी अनन्य को सदा-सदा के लिए खो देने का शब्द-विहीन हुआ दुख कुछ वैसा ही होता है, जैसे सुलगती आग की लौ विहीन गर्मी।

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