जब सारे चीजो की परछाई बनती है तो फिर जलते हुए आग कि परछाई क्यों नहीं बनती है?

हमारे आस-पास बहुत सी ऐसी चीजें घटित होती हैं जिन पर गौर किया जाए तो वो हमें आश्यर्चकित करती हैं । वैसे वास्तव में ऐसी असमान्य बातों के पीछे कुछ वैज्ञानिक वजह होती हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक आश्यर्चकित करने वाली क्रिया के बारे में बता रहे हैं .. क्या आपने कभी जलती हुई आग की परछाईं देखी है ? आपका जवाब होगा नही , पर क्या सोचा है..ऐसा क्यों होता है। क्योंकि हमें तो स्कूल में हमें यही बताया जाता था कि रोशनी में हर वस्तु की परछाईं बनती है तो फिर आग के साथ ऐसा क्यों है ? चलिए आपको इसकी सही वजह बताते हैं.

जलती रोशनी के पीछे खड़े होने पर हमें अपनी परछाई दिखाई देती है, यहां तक हर वस्तु की छाया दिखाई पड़ती है सिवाए आग के । आप माचिस की तीली को ही ले लें .. उसकी भी अपनी परछाई होती है, पर अगर हम उसे जलाते हैं तो निकलने वाली आग की परछाई नहीं दिखती। आप चाहें तो इसे आजमा कर देख सकते हैं .. जब आप माचिस जलाते हैं तो उस वक्त उसकी चिंगारी की छोटी सी परछाई तो दिखती है लेकिन वहीं जलने के बाद उसकी आग की परछाई नहीं दिखाई देगी। यही बात मोमबत्ती के साथ भी होती है.. आप मोमबत्ती को जलाने के बाद उसे किसी दूसरी रोशनी में लेकर आएं और वहां उसकी परछाई देखने की कोशिश करेंगे तो ऐसे में आपको मोमबत्ती की परछाई तो दिखेगी पर वहीं उसकी ‘लौ’ की परछाई नहीं दिखेगी ।

चलिए अब जानते हैं इसकी वजह क्या है? दरअसल इसके लिए विज्ञान का कहना है कि माचिस की या मोमबती की आग स्वयं एक रोशनी है। ऐसे में अगर उसे दूसरे रोशनी में ले जाएंगे, तो वह परछाई नहीं बनाती, क्योंकि वे दोनों एक ही प्रकार के तत्व होते हैं।

वैसे अगर आप माचिस या मोमबत्ती की आग या किसी दूसरे आग की रोशनी की परछाई देखना ही चाहते हैं, तो इसके लिए आपको उस रोशनी को उससे भी तेज रोशनी के नीचे ले जाना होगा और चूंकि सूर्य की रोशनी से अधिक तेज तो कुछ भी नहीं होता। ऐसे में आप जलती हुई मोमबत्ती को सूरज की रोशनी में देखेंगे तो दीवार पर या फिर जमीन पर उसके जलते हुई लौ की परछाई देखने को मिल सकती है।

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