जब नफ़रत करते-करते थक जाओ,तो एक मौका प्यार को भी दे देना

महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे;मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चोका हूँ! इश्क के रिश्ते कितने अजीब होते है?दूर रहकर भी कितने करीब होते है;मेरी बर्बादी का गम न करो;ये तो अपने अपने नसीब होते हैं!   
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं!जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते!कोई ठुकरा दे तू हंस के सह लेना;मोहब्बत की ताबित में ज़बरदस्ती नहीं होती! ये वफ़ा तो उस वक्त की बात है ऐ फ़राज़;जब मकान कच्चे और लोग सच्चे हुआ करते थे!

कभी आपको याद आई कभी हमने याद किया..खैर छोड़ो ये बेकार सियासत चलो आओ बात करेंज़िन्दगी में कई ऐसे लोग भी मिलते हैंजिन्हें हम पा नहीं सकते सिर्फ चाह सकते हैं..सच के रास्ते पे चलने का.. ये फ़ायदा हुआ,रास्ते में कहीं भीड़ नहीं थी ।

एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,तू आज भी बेखबर है कल की तरह..जब नफ़रत करते करते थक जाओ..।तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।कोई अच्छा लगे तो उनसे प्यार मत करना;उनके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना;दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने;तीसरे दिन कहेंगे इंतज़ार मत करना! 

बेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तों;यहाँ बर्बाद करने के लिए, मुहब्बत का भी सहारा लेते हैं लोग! ,मेरे इश्क ने सीख ली है, अब वक़्त की तकसीम…वो मुझे बहुत कम याद आता है;सिर्फ इतना – दिल की हर एक धड़कन के साथ! बड़ी मुददत के बाद मिलने वाली थी कैद से आज़ादी;पर किस्मत तो देखो, जब आज़ादी मिलने वाली थी;तब तक पिंजरे से प्यार हो चुका था! 

खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं,कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है..मैंने उसे बोला ये आसमान कितना बड़ा है ना,पगली ने गले लगाया और कहा इससे बड़ा तो नहीं..

मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही;वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही;ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो;सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही! 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *