चौराहे पर लगी घोड़ों की मूर्तियों के पाँवों में छुपा होता है उनके घुड़सवार की मृत्यु से जुड़ा राज
दोस्तों आपने चौराहे पर लगी घोड़े की मूर्तियों को अवश्य ही देखा होगा और आपने यह बात जरूर ध्यान की होगी कि सभी जगहों पर इन घोड़ों के पाँव एक समान नहीं होते हैं कहीं पर आगे के दो पाँव ऊपर तो कहीं पर चारों पाँव नीचे होते हैं क्या आपने कभी गौर किया है कि ऐसा क्यों होता है अगर नहीं तो आइए आपको बताते हैं कि इनके यह पाँव इनके सवार की मृत्यु से जुड़ा राज दर्शाते हैं
अगर घोड़े के आगे के दोनों पाँव हवा में हो तो इसका अर्थ यह होता है कि वह योद्धा दुश्मनों से युद्ध करते समय वीरगति को प्राप्त हुआ है अर्थात युद्ध स्थल में ही मृत्यु को प्राप्त हुआ है .
अगर घोड़े की आगे की एक टांग हवा में है तो इसका अर्थ यह होता है की घुड़सवार युद्ध समाप्त होने के बाद मृत्यु को प्राप्त हुआ है किंतु उसकी मृत्यु की मुख्य वजह युद्ध में लगे हुए घाव थे .
अगर घोड़े की चारों टांगे जमीन पर ही है तो इसका अर्थ यह होता है कि घुड़सवार प्राकृतिक कारणों से ही मृत्यु को प्राप्त हुआ है अर्थात उसकी मृत्यु का युद्ध से कोई संबंध नहीं है.