चीकू एक हल्का और स्वास्थ्यवर्धक फल क्यों कहा गया है? जानिए
चीकू (Sapota) एक ऐसा फल है जो स्वाद में रसीला और मीठा होने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्द्धक भी होता है। चीकू आजकल लगभग पूरे साल ही बाजार में मिल जाता है। शरीर में अगर पानी की कमी होती है तो चीकू खाने से डिहाइड्रेशन दूर होने के साथ-साथ पौष्टिकता भी मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार चीकू एक ऐसा फल है जिसके अनगिनत लाभ (Sapota benefits) है। चीकू में विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
चीकू की तासीर (Chiku) मीठे और ठंडे होते हैं। यह लगभग 7-10 मी ऊँचा, मध्यम आकार का, सदाहरित, छोटा शाखाओं वाला वृक्ष होता है। चीकू के तने की छाल गहरे धूसर रंग की होती है। इसके पत्ते सरल, शाखाओं वाले तथा अंत में गुच्छों में लगे हुए होते हैं।
चीकू के पत्तों की लंबाई 7.5-12.5 सेमी और दोनों ओर चमकीले होते हैं। इसके फूल सफेद और पीले रंग के होते हैं। इसके फल मांसल, गोलाकार, 3.8-5 सेमी व्यास (डाइमीटर) के और भूरे रंग के रसीले होते हैं। चीकू के बीज संख्या में 4-12, बड़े, हल्के काले रंग के, चमकीले और कठोर होते हैं।
गोल-गोल रसीला चीकू पोषक तत्वों से भरपूर शक्ति वर्द्धक तथा बुखार कम करने वाला होता है। चीकू के बीज के सेवन से मूत्र संबंधी समस्या में लाभ मिलता है। इसके तने में शक्तिवर्द्धक गुण होता है। इसके साथ ही चीकू में बहुत सारे न्यूट्रीएन्ट्स और एन्टीऑक्सिडेंट गुण भी होते हैं। चीकू लगभग पूरे साल फलता-फूलता है, इसलिए पूरे वर्ष भर चीकू मिल्कशेक का मजा लोग ले पाते हैं।