चाणक्य के अनुसार ऐसे व्यक्तियों का ना तो कोई बर्तमान होता है ना कोई भविष्य
स्वयं की प्रतिभा को निखारें।
चाणक्य कहते हैं कि हर व्यक्ति में कुछ करने की प्रतिभा होती है लेकिन हमें उस प्रतिभा को पहचाना पड़ेगा और साथ में उसेे निखारना पड़ेगा तभी आप अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर पाएंगे। ऐसा करने से आप का वर्तमान और भविष्य दोनों सांवरने मेंं मदद मिलेगा।
संसाधनों का प्रयोग।
चाणक्य कहते हैं किव्यक्ति को संसाधनों की कमी पर शोक नहीं करना चाहिए. उसके पास जो भी संसाधन है उन्ही से अपने बुद्धि विवेक का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। अच्छे संसाधन की बल पर पर तो कोई भी विकास का पथ प्राप्त कर सकता है. लेकिन जो सीमित और संसाधनों के बिना सफलता को प्राप्त करता है ऐसे लोग इतिहास बनाते हैं। ऐसे लोगों का समाज सम्मान करता है और साथ में उनका वर्तमान और भविष्य दोनों सुरक्षित हो जाता है।
गलत आदतें से दूर।
चाणक्य कहते हैं कि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में गलत कार्य नहीं करना चाहिए कहने का मतलब यह है कि आप कोई भी गंदी जैसे शराब का सेवन और स्त्री के पीछे भागना आदी इन चीजों से दूर रहना चाहिए। इन चीजों से उनका भविष्य और वर्तमान दोनों अंधकार में डूब जाता है ।
स्वास्थ्य और सतर्क रहें।
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने जीवन में अपनी सेहत को लेकर गंभीर और सर्तक रहना चाहिए. व्यक्ति स्वस्थ्य होगा तो किसी भी कार्य को करने में उसे कठिनाई नहीं होती है। कोई भी रोगी व्यक्ति की कार्य कुशलता में भी कमी आती है. इसलिए व्यक्ति को सेहत पर विशेष ध्यान देना चाहिए। क्योंकि सेहतमंद व्यक्ति ही आने वाली चुनौतियों को पार पा सकता है. ऐसे व्यक्ति का मन, मस्तिष्क तेजी से कार्य करने में सक्षम होता है ।