चाइनामैन बोलिंग की शुरुआत कैसे हुई? कैसे मिला चाइनामैन बोलिंग नाम

चाइनामैन गेंदबाजी क्या होती है

चाइनामैन गेंदबाज की गेंदें बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए बाहर की ओर निकलती हुई होंगी जो टीवी स्क्रीन पर बाएं से दाएं ओर जाती दिखेंगी। चाइनामैन गेंदबाजी इसलिए कठिन मानी जाती है क्योंकि कलाई के दम पर गेंदबाजी वैसे ही काफी मुश्किल है और उम्र बढ़ने के साथ कलाई के घुमाव में भी कमी आ जाती है। इसके अलावा कलाई के गेंदबाजों को अपनी गेदों की फ्लाइट और दिशा पर नियंत्रण करना काफी मुश्किल होता है। इसके अलावा गेंदबाजी के समय कई चाइनामैन गेंदबाज अपने एक्शन की वजह से बल्लेबाज को भी नहीं देख पाते हैं।

ऐसे मिला था चाइनामैन नाम

कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का दावा है कि इस तरह की गेंदबाजी की शुरुआत 1890 में साउथ अफ्रीका के ऑल राउंडर चार्ली बक लेलिन ने की थी जो लेफ्ट-आर्म अनऑर्थोडॉक्स स्पिनर थे। लेकिन इस तरह की बॉलिंग का नाम ‘चाइनामैन’ चीनी मूल के पहले क्रिकेटर और वेस्टइंडीज के स्पिनर एलिस एकॉन्ग के चलते पड़ा था। 1933 में ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में उन्होंने ऑफ से लेग स्टंप की ओर जाती हुई गेंदें की थी, जिसके चलते इंग्लैड के वॉल्टर हॉबिन्स उनकी गेंदों को समझ नहीं सके थे और आउट हो गए थे। आउट होने के बाद उन्होंने कहा था, ‘चाइनामैन ने कमाल कर दिया।’ माना जाता है कि तभी से ऐसे गेंदबाजों का नाम चाइनामैन पड़ गया।

भारत के कुलदीप यादव चाइनामैन गेंदबाज हैं ।

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