घाट वाले भूत का वहम हुआ दूर, पढ़े मजेदार कहानी
शानू और मोनू नदी के घाट से गुजर रहे थे रात का अंधेरा था। शानू कुछ थका थका सा मालूम हो रहा था वह बीच में जम्हाई भी ले रहा था। शानू ने घाट में देखा की सफेद रंग का कुछ घाट में नजर आ रहा है फिर दुबारा शानू ने देखा तो वहां कुछ भी नहीं था अब उसकी नींद उड़ चुकी थी। उसने मोनू से कहा मैंने अभी कुछ देखा और मेरे नजर घूमते ही वह चीज गायब हो गई। मोनू भी थोड़ा उसकी बात सुनकर डर सा गया लेकिन उसके बाद भी उसने कहा भूत वूत कुछ नहीं होते हैं यह सभी हमारे मन दिमाग का वहम होते हैं ऐसा तुझे इसलिए लगा क्योंकि तुझे नींद आ रही है अगर तुझे इस बात की सच्चाई पता करनी है तो कल सवेरे मेरे साथ इसी जगह आना।
दोनों दोस्त अपने अपने घर पहुंचे मोनू ने कहा कहा सवेरे मेरे पास आना साथ चलेंगे तेरे दिमाग़ का वहम भी तो दूर करना है। शानू ने कहा मैं सच कह रहा हूं यार घाट में उस वक्त कुछ थे जैसे मैंने दुबारा पलट कर देखा वह गायब हो गया। मोनू ने कहा ठीक है ठीक है अभी आराम कर कर तो देखना है ही। दोनों अपने घर में थे इधर शानू उसी बात को सोच सोच कर परेशान था और कुछ देर में उसे नींद आ गई। सवेरे सात बजे मोनू शानू के घर आया और आवाज लगाई शानू जल्दी उठ हमे जाना है। शानू उठा और दोनों नदी के उस घाट में गया जहां पर शानू ने सफेद चीज देखी थी।
काफी नजर दौड़ाने के बाद भी कुछ समझ में नहीं आया इतने में मोनू की नजर पानी के भीतर पड़े सफेद कपड़े पर गई किसी तरह मोनू ने उसे निकाला और शानू की तरफ इशारा करते हुए कहा यही है तुम्हारा रात वाला भूत देखो गौर से। इतने में शानू अपनी बेवकुफी पर जोर जोर से हंसने लगा। मोनू ने कहा यह चद्दर किसी ने कल धोकर डाला था और वे जाना भूल गया और इसी चद्दर को रात में जब तुमने देखा और फिर जब नजर घुमाई तो हवा के झोंके से उड़कर यह पानी में चला गया भूत नहीं होते ये सारे हमारे मन के वहम है।