ग्रीनलैंड ग्लेशियर ने आज “टिपिंग प्वाइंट” को पार कर लिया है। इसका क्या मतलब है? जानिए
इसका मतलब है कि एक बार जब कोई चीज़ या प्रक्रिया इस सीमा को पार कर जाती है, तो उसे किसी भी तरह से वापस नहीं लाया जा सकता है।
ग्रीनलैंड के साथ भी यही हुआ है ...
हाल में हुई एक रिसर्च के बाद, जलवायु विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ग्रीनलैंड के ग्लेशियरों का पिघलना इतना बढ़ गया है कि अब यह अपरिवर्तनीय हो गया है! जिसका अर्थ है कि यदि ग्लोबल वार्मिंग आज ही समाप्त हो जाये, तो भी इन ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने को रोका नहीं जा सकता है!!!
इसकी मुख्य वजह यह है कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन ने पहले ही इस जगह को इस हद तक प्रभावित कर दिया है कि इसकी प्राकृतिक बर्फबारी अब बर्फ के तेजी से पिघलने की भरपाई नहीं कर पाएगी, भले ही ग्लोबल वार्मिंग आज ही खत्म क्यों न हो जाये!
हाँ, दोस्तों, यह वास्तविक है और यह एक गंभीर मुद्दा है। और अगर हम समय रहते सही कदम न उठाये, तो यही दुर्दशा हिमालय और अंटार्कटिका जैसी जगहों की भी हो सकती हैं।
इसलिए कृपया green energy यानि हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को अधिक से अधिक प्राथमिकता देने का प्रयास करे और अपने कार्बन उत्सर्जन को जितना हो सके सीमित करने का प्रयास करें।