गया श्राद्ध के लिए ही नहीं बल्कि इन 4 धार्मिक स्थलों के लिए भी है लोकप्रिय

• विष्णुपद मंदिर
फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित यह खास मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के पदचिन्हों पर ही किया गया है। दंतकथाओं की मानें तो गयासुर नामक दैत्य का बध करते समय भगवान विष्णु के पद चिह्न यहां पड़े थे।

बता दें कि यह मंदिर 30 मीटर ऊंचा है, जिसमें आठ खंभे हैं। इन खंभों पर चांदी की परतें चढ़ाई हुई है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु के 40 सेंटीमीटर लंबे पांव के निशान आज भी मौजूद हैं।

• बालेश्वरनाथ शिव मंदिर
गया शहर से लगभग 35 किलोमीटर पूर्व में एक गांव है चोवार… यहां एक बहुत ही प्राचीन शिव मंदिर है, जिसे बालेश्वरनाथ के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर की खास बात यह है की बाबा बालेश्वरनाथ के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में भगवान के ऊपर रोज हजारों श्रद्धालु द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद कहां चला जाता है यह आज तक कोई पता नहीं कर पाया है। बता दें कि इसी मंदिर के पास एक ताड़ का पेड़ भी है जिसकी खासियत यह है कि इसमें तीन डालें हैं और वो शिव के त्रिशूल के आकार की प्रतीत मानी जाती हैं। बता दें कि दूर-दूर से लोग इस पेड़ को देखने के लिये ज़रूर आते हैं।

• कोटेस्वरनाथ
बात अगर इस प्राचीन शिव मन्दिर कोटेस्वरनाथ की करें तो यह मोरहर नदी के किनारे एक गाँव में स्थित है। हर साल शिवरात्रि में यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जान लें कि आप यहां अगर आकर दर्शन करना चाहते हैं तो गया से लगभग 30 किमी उत्तर पटना-गया मार्ग पर स्थित मखदुमपुर से पाईबिगहा समसारा होते हुए आप यहां आसानी से पहुंच सकते हैं।

• सूर्य मंदिर
वहीं, गया में एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर भी मौजूद है जो विष्णुपद मंदिर से 20 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर सोन नदी के किनारे पर निर्मित है। दीपावली के ठीक छ: दिन बाद बिहार के लोकप्रिय पर्व छठ के अवसर पर यहां तीर्थ यात्रियों की जबर्दस्त भीड़ उमड़ती है और इस खास अवसर पर यहां भव्यु मेले का आयोजन किया जाता है।

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