क्या रुद्राक्ष का वृक्ष घर में लगा सकते हैं?

श्रीशिवमहापुराण के विद्वेश्र्वर संहिता में अध्याय २५ में ऐसा वर्णन आता है कि एकबार हजारों दिव्य वर्षों की तपस्या करते हुए एक दिन भगवान शिव का मन क्षुब्ध हो उठा तब भगवान शिव ने अपने नेत्रों को खोला। उनके मनोहर नेत्रों से अश्रुओं की कुछ बूंदें भूमि पर गिर पड़ी । भगवान शिव की लोकोपकारक भावना से अश्रु बिन्दुओं को स्थावर भाव प्राप्त हुआ।

उन्हीं बूंदों से रुदाक्ष वृक्ष की उत्पत्ति हुई। यह परम पवित्र पूजनीय और पुण्य दायक वृक्ष है। भूत प्रेत पिसाच निशाचर डाकिनी शाकिनी आदि उस स्थान को छोड़कर भाग जाते हैं जहां यह वृक्ष होता है वहां लक्ष्मी जी निरंतर वास करती है। घर के पास ईशान कोण में इस वृक्ष को लगाना चाहिए। घर के अन्दर किसी भी प्रकार का वृक्ष लगाना शास्त्र निषिद्ध माना गया है।

इस वृक्ष के फल एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होते हैं । एक मुखी रुद्राक्ष दुर्लभ होता है उसी प्रकार १४ मुखी रुद्राक्ष भी कम मिलता है। आकार में छोटे रूद्राक्ष धारण करने के लिए प़शस्त मानें जाते हैं। श्वेत रक्त पीत और कृष्ण रंगों में उपलब्ध होते हैं। वर्णानुसार धारण करना चाहिए। इसे पुरुष महिला यति संन्यासी आदि सभी को धारण करना चाहिए।

मांसाहार मदिरा आदि तामसिक एवं मादक वस्तुओंसे परहेज़ करना चाहिए। भगवान शिव को शुचिता पसंद है। रूद्राक्ष धारण का प्रभाव अवर्णनीय होता है। रूद्राक्ष का दर्शन, स्पर्श और इसके माला पर जप समस्त अशुभों का नाश कर देता है। यह परम मंगल कारक है। नमः शिवाय मंत्र से अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *