क्या रंगीन चूजे, जो भारत में ज्यादातर आंध्र और तेलंगाना में बेचे जाते हैं, अंडे देते हैं? जानिए

ये चूजे भारत के कई हिस्सों में बेचे जाते है प्रायः मेले ईत्यादी में भी इनकी बिक्री की जाती है। हाँ ये निशित तौर पर मुर्गे यानी नर चूजे होते है इक्का दुक्का मादा निकल जाती होगी तो अलग बात पर यदि कोई व्यक्ति ज्यादातर बच्चो की जिद पर इन्हें खरीद ले तो इन्हें खिलाने के लिये चावल या गेहूं के बारीक टुकड़े खाने को डाले पानी किसी छोटी थाली में दे ताकि ये डूब न सके साथ मे एक बिजली का 50 वाट का बल्ब उनके पिजरें में इतनी दूरी पर टांगे की उनको मां जितनी गर्मी मिलती रहे तकरीबन आधा पौना फुट।

अभी 5 -6 साल पहले मेरे पड़ोस में भी एक लड़का ऐसे 10 चूजे ले आया। बच्चा बहुत खुश था मैंने उसे इस तरह से यूक्ति बताई 10 में से 2 तो तब भी मर गए क्योंकि बो पहले ही कमजोर अबस्था में थे बाकी जीवित रहे और बड़े होकर सफेद रंग के मुर्गे थे। उस बच्चे ने देशी मुर्गे मुर्गिया भी पाल रखी थी उसके कुछ दिन बाद उसकी एक मुर्गी अंडे सेने यानी बच्चे देने के लिये अलग पिजरें में बैठी 21या 22दिन बाद अंडे से चूजे निकलने थे.

लेकिंन 15 दिन बाद जैसे उसने मुर्गी को 2–3 मिनट के लिये बाहर निकाला एक बिल्ली ने उस मुर्गी को खा लिया ।गली में शोर गुल होने लगा बच्चा 12 -14 साल का था और उसका परिबार बिल्कुल निर्धन था,

तो जो अंडे सेने के लिये रखे थे उन्हें भी बिजली के बल्व की सहायता से इनमे से चूजे निकले गए 11 अंडो में से 8 चूजे निकले बाकी खराब हो गए। अब कोई भाई इस पर मूर्खता भरे कॉमेंट मत करना ये प्रैक्टिकल है और मैंने सिर्फ उक्तियां बताई है।

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