क्या मेघनाद सच में लक्ष्मण से बड़ा धनुर्धर था? जानिए

मेघनाद माया युद्ध में निपूर्ण था लेकिन ये बात सच नहीं है की वो लक्ष्मण जी से बड़ा धनुर्धर था बिना माया के तो मेघनाद को अंगद जी भी हरा चुके थे तथा उनसे हार के पश्चात वो गायब हो गया था फिर उसने रात्रि होने पर छुपकर सर्पो को तीर बना कर श्री राम और लक्ष्मण जी पर बरसाया था जिसे आज कल हम नागपाश के नाम से जानते है लेकिन असल में वो कद्रू के पुत्र नाग थे उन्ही नागो के बारे में जानकर गरुड़ जी उन्हें बंधन मुक्त कराने के लिए आये थे।

जब मेघनाद ने ब्रह्मास्त्र वानरों पर चलाया था तब लक्ष्मण जी और राम जी दोनों उसका सामना कर सकते थे लेकिन ब्रह्मा जी के वरदान की लाज रखने के लिए उन दोनों ने उसका तिरस्कार नहीं किया था अगर वो चाहते तो वरदान के होने के बाद भी उसके ब्रह्मास्त्र का तिरस्कार कर सकते थे। एक और प्रसंग इन दोनों के युद्ध का था जब इसने अपनी माया से सब और अँधेरा कर दिया था तथा जब इसने देखा की राम जी और लक्ष्मण जी कोई भयंकर अस्त्र का संधान करने जा रहे है तो वो वहा से भाग गया था.

जिसके बाद इसने इन दोनों को अजेय जानकर सीता जी को मारने का नाटक भी किया था जिससे वो अपने यज्ञ को पूरा कर सके लेकिन विभिसन जी के मार्गदर्सन के वजह से वो उसकी उस माया के रहस्य को समझ पाए थे तथा इसके यज्ञ को भंग कर पाए थे। अंतिम युद्ध में लक्ष्मण जी ने इसकी माया के बाद भी इसे मारा था।

ये बात सही है की वो एक बहुत बड़ा योद्धा था लेकिन इसका मतलब ये नहीं है के वो लक्ष्मण जी का मुक़ाबला कर सकता था अगर इसके वरदान नहीं होते तो लक्ष्मण जी इसे बहुत पहले ही मार चुके होते।

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