क्या भगवान राम बाली से युद्ध करने में असमर्थ थे?

बाली को वरदान था कि उससे लड़ने वाले की आधी शक्ति बाली में आ जाती थी.राम जी में असीम शक्तियां होती हैं और असीम का आधा भी असीम ही है.सामना करने पर बाली की शक्ति भी असीमित हो जाती.दो बराबर की शक्तियां भिडती.न जाने किसकी हार ह़ोती.

रामजी ने बाली वध का बहुत हल्का और न मानने योग्य तर्क दिया है.भाई मरने पर मृतक की पत्नी को रखने का, मृतक का वंश चलाने का भार भाई पर होता था वानर जाति में.यह रिवाज़ यहूदियों में भी थी.फिर राम वानरों के राजा नहीं थै जो दण्ड देने का अधिकार हो.

सब कुछ राम ने शरण में आए भक्त सुग्रीव के लिए किया.शरण में आए भक्त के लिए भगवान समस्त नियम तोड़ते हैं.न समझे तो १८/६६ गीता देखें.कर्ण की शक्ति घटोच्कच पर समाप्त हुई तब जाके कृष्ण को नींद आई.

मर्यादा भक्त के लिए तोडी़ मर्यादा पुरुषोत्तम ने.

वास्तविक बात तो यह है कि राम ऐसे पूर्ण हैं जिसमें से पूर्ण निकलने पर भी पूर्ण ही शैष बचता है. अर्ध शक्ति बाली के पास जाने पर भी राम के पास पूरी शक्ति ही बचती.

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