क्या ट्रेन के ड्राईवर भी रेसिंग करते है या हमें सिर्फ ऐसा झूठा आभास होता है? जानिए

मुम्बई सबअर्बन एरिया में दो ट्रेनें एक साथ एक ही दिशा में चलना आम बात है। वहाँ मुम्बई से कल्याण तक 2 स्लो लोकल लाइन और 2 फास्ट लाइन समानांतर चलती हैं 54 किलोमीटर तक।

स्लो लाइन पर केवल हर स्टेशन पर रुकने वाली स्लो लोकल चलती हैं और फास्ट या थ्रो लाइन पर फास्ट लोकल और मेल एक्सप्रेस ट्रेन चलती हैं।

लाइन नम्बर 1 पर मुम्बई से कल्याण की ओर डाउन स्लो लोकल चलती है और लाइन नम्बर 2 पर कल्याण से मुम्बई की ओर अप स्लो लोकल चलती है।

अब इसी तरह लाइन नम्बर 3 पर मुम्बई से कल्याण की ओर डाउन फास्ट लोकल चलती है और लाइन नम्बर 4 पर अप फास्ट लोकल चलती है।

आईये अब हम इस को मिक्स करें। तो लाइन नम्बर 1 और 3 पर मुम्बई से कल्याण की ओर डाउन ट्रेन चलती हैं और लाइन नम्बर 2 और 4 पर कल्याण से मुम्बई की ओर अप ट्रेन चलती हैं।

इस स्थिति में यात्रियों को संयोग से लाइन 1 और 3 पर लोकल एक साथ एक ही दिशा में चलती हुयी दिख जाती हैं। और लाइन 2 और 4 पर लोकल एक साथ एक ही दिशा में चलती हुयी दिख जाती हैं। लेकिन उनमें रेसिंग इसलिए सम्भव नहीं है कि स्लो लोकल को हर स्टेशन पर रुकना है और फास्ट लोकल को 3–4 स्टेशन के बाद रुकना है।

लीजिये मुम्बई से कल्याण (54 किलोमीटर) तक के सारे लोकल स्टेशनों के नाम दे रहा हूँ। फास्ट स्टापेज वाले स्टेशन बोल्ड में होंगे।

  • मुम्बई CSMT
  • मस्जिद
  • सैण्डहर्सट रोड
  • भायखला
  • चिंचपोकली
  • करीरोड
  • परेल
  • दादर
  • माटुँगा
  • सायन
  • कुर्ला
  • विद्याविहार
  • घाटकोपर
  • विक्रोली
  • कांजुरमार्ग
  • भांडुप
  • नाहुर
  • मुलुंड
  • थाने
  • कलवा
  • मुम्ब्रा
  • दिवा
  • डोंबिवली
  • ठाकुरली
  • कल्याण

नोट:— थाने से दिवा तक स्लो लाइन एक पहाड़ को घूम कर जाती है उस पर कलवा और मुम्ब्रा अतिरिक्त रेलवे स्टेशन पड़ते हैं, जो फास्ट लाइन पर नहीं पड़ते। फास्ट लाइन थाने से सीधे दिवा पहुँचती है पहाड़ के अन्दर टनल से गुजरते हुए। यह टनल 1000 मीटर के लगभग लम्बा है। पूरे एक मिनिट उसमें गाड़ी चलती है। यह पुरानी लाइन है अंग्रेजों के समय की (Pre 1947). बाद में हमने थाने से कल्याण तक स्लो लाइन को एक्सटेंड किया तो दूसरा टनल बनाने के बजाय पहाड़ को घूम कर जाना (4–5 किलोमीटर अतिरिक्त) उपयुक्त समझा गया। इस प्रकार थाने से दिवा तक ये 4 लाइनें समानांतर नहीं चलती हैं।

★ नीचे मुम्बई सेन्ट्रल रेलवे और वैस्टर्न रेलवे का ट्रैक डायग्राम दिया जा रहा है। उससे मुम्बई का पूरा भूगोल आपको समझ में आ जायेगा। यहाँ मैंने 1985–86 में एक वर्ष काम किया है।

डायग्राम के लीजेंड:—

  • ब्लू कलर … … वेस्टर्न रेलवे 2 स्लो लाइन
  • रेड कलर … … वेस्टर्न रेलवे 2 फास्ट लाइन
  • ग्रीन कलर … … सेन्ट्रल रेलवे 2 स्लो लाइन
  • रैड कलर … … सेन्ट्रल रेलवे 2 फास्ट लाइन
  • वायोलेट … … सेन्ट्रल रेलवे 2 हार्बर लाइन

● हार्बर लाइन सेन्ट्रल रेलवे के CSMT से वेस्टर्न रेलवे के बान्द्रा और अंधेरी को जोड़ती है और पनवेल तक भी जाती है न्यू मुम्बई (वाशी वगैरह) होते हुए।

● बीच में थाने और वाशी को जोड़ा गया है।

● वेस्टर्न रेलवे के वसई से सेन्ट्रल रेलवे के पनवेल को जोड़ा गया है। इसी लाइन पर भिवंडी पड़ता है। और इसी लाइन से त्रिवेंद्रम राजधानी वसई से पनवेल होती हुई कोंकण रेलवे में चली जाती है। जहाँ वह रत्नागिरी, मडगांव(गोवा), मंगलोर जंक्शन, कोझिकोड (कालीकट), एरनाकुलम होते हुए त्रिवेंद्रम पहुँचती है।

● वेस्ट्रन रेलवे में चर्चगेट से बाँद्रा तक 6 लाइनें हैं।

★ मुम्बई में लोकल ट्रेनों को यूँ ही मुम्बई की लाइफ लाइन नहीं कहा जाता।

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