क्या जिन्ना के पिता हिन्दू थे?

उनके पिता के पिता अर्थात उनके पितामह का नाम प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर था. वो हिंदू थे. वो काठियावाड़ के गांव पनेली के रहने वाले थे. प्रेमजी भाई ने मछली के व्यसाय से बहुत पैसा कमाया. वो ऐसे व्यापारी थे, जिनका कारोबार विदेशों में भी था. लेकिन उनके लोहना जाति से ताल्लुक रखने वालों को उनका ये व्यवसाय पसंद न था. लोहना कट्टर तौर शाकाहारी थे

जिन्नाह, मिठीबाई और जिन्नाहभाई पुँजा की सात सन्तानों में सबसे बड़े थे। उनके पिता जिन्नाभाई एक सम्पन्न गुजराती व्यापारी थे, लेकिन जिन्ना के जन्म के पूर्व वे काठियावाड़ छोड़ सिन्ध में जाकर बस गये

जिन्नाह के पिता हिन्दू राजपूत थे, जिन्होंने इस्लाम क़बूल कर लिया उन्हें पीर सदरुद्दीन ने इस्लाम में दीक्षित किया था।

इस्लाम स्वीकार करने पर भी खोजा मुसलमानों का चोटी, जनेऊ आदि से प्रेम दूर नहीं हुआ था, क्योंकि उन्होंने मात्र चिढ़कर अपना धर्म ही त्याग दिया था, उनकी जाति के लोगो ने उन्हें मछली व्यवसाय के लिए बहुत अपमानित किया।

इस्लामिक शासन गुजर जाने पर खोजा मुसलमानों की द्वारा भारतीय संस्कृति को स्वीकार करने की उनकी वर्षों पुरानी इच्छा फिर से जाग उठी।

उन्होंने उस काल में भारत की आध्यात्मिक राजधानी बनारस के पंडितों से शुद्ध होने की आज्ञा मांगी, उन्होंने खोजा मुसलमानों की मांग को स्वीकार करने में असमर्थता दिखाई उन्होंने उस समय के मठाधीश के पास जाने को कहा परंतु वो क्रोधित होंकर मठाधीश के पास नही गए।

इस के पश्चात जिन्नाह के पूर्वजों ने बचे हुए हिन्दू अवशेषों को सदा के लिए तिलांजलि दे दी एवं उनका मन सदा के लिए हिन्दुओं के प्रति द्वेष और घृणा से भर गया, अब आप सोचिए मात्र एक पीढ़ी के बने हुए मुस्लिम परिवार में कितना विष भर दिया गया।

इसी विषाक्त माहौल जिसमें हिंदुओं के प्रति बैर हॄदय में थी उस परिवार में जिन्ना का जन्म हुआ जो स्वाभाविक रूप से ऐसे माहौल की पैदाइश होने के कारण पाकिस्तान का जनक बना ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *