क्या छिपकली में इतना जहर होता है कि इंसान को काटने से इंसान मर जाएगा?

भारत में दीवारों पर पाई जाने वाली घरेलू छिपकली ( gecko) में जहर नहीं होता , न यह काटती ही है। हमारे देश की छिपकली निरीह सी होती है और कीट- पतंगों के सफाया कर घर को साफ रखती है।

पूरे विश्व में छिपकली की सिर्फ दो जहरीली प्रजातियाँ हैं जिनके काटने से समस्या होती है । ये हैं मेक्सिको में पाई जाने वाली बीडेड लिजार्ड और एरिज़ोना ,मेक्सिको और सोनारा में पाया जाने वाला गिला मॉन्स्टर( Gila monster )।

पर इनका विष प्राणघातक नहीं होता । हाँ, इनका विष कमोबेश पिट वाईपर के जहर जैसा असर करता है । इनके काटने से लिम्फ नोड में सूजन आना, रक्तचाप गिर जाना , दर्द , कमजोरी ,प्यास ,पसीना और कानों में आवाज आना जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

जब ये काटते हैं तो अपने जबड़ों से ऐसा जकड़ लेते हैं कि इन्हें छुड़ाना मुश्किल हो जाता है । इनके जबड़ों को सँड़सी की मदद से अलग किया जाता है। इनके दांत टूट कर व्यक्ति की त्वचा में ही रह जाते हैं। जिन्हें निकाल देना चाहिए।

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