क्या किसानों ने लाल किले में सच में गुंडा गर्दी की गई है? जानिए

यही उम्मीद थी कि ऐसा ही होगा। मज़दूर किसान ऐकता नाम की यूनियन जिसमे ज्यादा वामपंथी है। जिनका किसानों ने कोई लेना देना नही। जिनका काम ही देश मे तोड़ फोड़ करना व चीन के टुकड़ों पर पलने वाले देशद्रोही, यह देश मे शांति चाहते ही नही। जो काम चीन व पाकिस्तान नही कर पाया वो घर के इन लालो ने कर दिखाया। बड़े शर्म ओर अफसोस की बात है।

आज का फंक्शन किसी पार्टी का नही बालिक देश का है, यह देश की आन बाण व शान है। मेरे को कहने में कोई शर्म व झिझक नही पंजाबी जो अपने बचनों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने अपना मुह खुद काला करके कौम को बदनाम किया है। सरकार की भी यही पालिसी थी यह लोग खुद ही बदनाम हो।तभी तो पुलिस ने कम बल का प्रयोग किया।

यह लोग फ्लॉप व फ़र्ज़ी नेताओं, जिनमे टिकैत व यादव जैसे नेता है के धके चढ़े हुए हैं।ऐसा करके क्या दिखाना चाहते हैं। निहत्थों पर ट्रेक्टर चलाना, तलवार चालना, क्या इससे पंजाब का नाम होगा। पुलिस के पास हथियार होते हुए भी संयम बरत रहे है।

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