क्या आप जानते हैं कि सांप पूरी तरह से बेहरा होता है फिर भी वह बीन की धुन पर क्यों नाचता है ?

सांप पूर्ण रूप से बहरा होता है और दरअसल वह सपेरे की बीन की धुन पर नहीं नाच रहा होता है , वह सपेरे द्वारा बीन में की गई हरकत का अनुसरण कर रहा होता है , जो कि देखने में ऐसा प्रतीत होता है कि वह नृत्य कर रहा है , परंतु ऐसा नहीं होता है ।

आपने अक्सर देखा होगा कि सपेरे की बीन के ऊपर बहुत सारे कांच के टुकड़े लगे हुए होते हैं , उन्हें लगाए जाने का एक कारण होता है , क्योंकि जब उन टुकड़ों के ऊपर धूप या रोशनी पड़ती है तो उनसे चमक निकलती है , जिससे कि सांप हरकत में आ जाता है ।

इसी कारण जब सपेरा बीन को बजा कर हिलाते हुए आवाज निकाल रहा होता है , तो इस प्रकाश की चमक के कारण सांप का ध्यान उस ओर आकर्षित होता है , और सांप उसकी चाल का अनुसरण करता है और हमें यह भ्रम होता है कि सांप नाच रहा है ।

दरअसल सांप कानों के स्थान पर अपनी त्वचा का इस्तेमाल करता है , वह अपने आसपास के वातावरण में हो रही किसी भी गतिविधि का जायजा अपनी त्वचा पर पड़ रही तरंगों के माध्यम से लेता है ।

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