कौन से क्रिकेटर अवकाश लेने के बाद दोबारा क्रिकेट खेलने के लिए वापस आये?
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसका जुनून दर्शकों के अलावा क्रिकटरों पर भी सर चढ़कर बोलता है। इस खेल में कुछ ऐसे प्लेयर भी आए हैं जिन्हें क्रिकेट से बेइंतहा प्यार था।
जी हां, हम बात करेंगे कुछ ऐसे क्रिकटरों के बारे में जिन्होंने संन्यास लेने के बाद भी क्रिकेट से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह पाए और संन्यास तोड़कर क्रिकेट के मैदान में फिर से वापसी की थी।
आइए जानते हैं सन्यास तोड़कर फिर से मैदान पर वापसी करने वाले कुछ खिलाड़ियों के बारे में:-
जवागल श्रीनाथ
इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री के सबसे बड़े गेंदबाजों में शुमार जवागल श्रीनाथ ने 2002 में ही क्रिकेट को अलविदा कर दिया था। लेकिन 2003 में खेले गए क्रिकेट विश्वकप में सौरव गांगुली के आग्रह पर वे संन्यास तोड़कर एक बार फिर से मैदान में वापसी की और इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने में उन्होंने अहम योगदान दिया था।
जावेद मियांदाद
जावेद मियांदाद को पाकिस्तान का सबसे महानतम बल्लेबाज कहा जाता है। उन्होंने पाक टीम की ओर से 6 विश्वकप खेले। मियांदाद के सबसे यादगार क्षणों में एक था 1986 का भारत के खिलाफ मैच जिसमें पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 रन बनाने थे। और उन्होंने छक्के मारकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। कहा जाता है कि संन्यास के 10 दिनों के बाद ही उन्होंने पाक के तात्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के आग्रह पर अपना संन्यास वापस ले लिया था।
कार्ल हूपर
कार्ल हूपर जिन्हें दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक कहा गया था। वे दुनिया के पहले क्रिकेटर थे जिन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में 5000 रन बनाए और साथ ही 100 विकेट, 100 कैच और 100 मैचों का रिकॉर्ड बनाया।
आपको बता दें कि 1999 विश्वकप के शुरू होने से मात्र 3 सप्ताह पहले उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी। लेकिन वह 2001 में फिर से मैदान पर वापस आए और 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए क्रिकेट विश्वकप में टीम के लिए कप्तानी की।
शाहिद अफरीदी
शाहीद अफरीदी के रिटायरमेंट को इमरान खान ने एक मजाक कहा था। उन्हें अपनी आक्रामक बल्लेबाज़ी के अंदाज़ और दायें हाथ के लेग स्पिन के लिए जाना जाता है। उनके पास एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा छक्कों का रिकॉर्ड है और क्रिकेट इतिहास के सबसे लम्बे छक्के का भी रिकॉर्ड इनके नाम है।
अफरीदी को 2010 में उन्हें पाकिस्तान के टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया था लेकिन केवल एक मैच के बाद ही उन्होंने संन्यास ले लिया। उन्होंने अगली रिटायरमेंट अपने नेतृत्व में 2011 के विश्व कप में पाकिस्तान को सेमीफाइनल में पहुंचाने के बाद ली थी। इसके बाद मिस्बाह उल हक के कप्तान बनने के बाद अफरीदी ने कोच वकार युनूस से मतभेद होने के चलते फिर से संन्यास ले लियाया।
केविन पीटरसन
दक्षिण अफ्रीकी में जन्मे इंग्लैंड के महान बल्लेबाज केविन पीटरसन ने 2011 विश्वकप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। पीटरसन के नाम ही वनडे क्रिकेट में सबसे पहले 1,000 और 2,000 के आंकड़ों तक पहुंचने का गौरव प्राप्त है। लेकिन बोर्ड के साथ मतभेद के चलते उनके चयन पर कभी फिर से विचार नहीं किया गया।
इमरान खान
पाकिस्तान के विश्वकप विजेता कप्तान, उभरते हुए राजनेता और पाक लोकसभा में विपक्ष के नेता इमरान खान को पाक क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान कहा जाता है।
इमरान ने 1987 विश्वकप के बाद संन्यास ले लिया था। लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक के कहने पर उन्होंने 1992 में 39 साल के उम्र में फिर से क्रिकेट में वापसी की और पाक को पहली बार क्रिकेट के सबसे बड़े ट्रॉफी दिलाई।
इनके अलावा, इंग्लैंड के बाब सिम्पंसन, जिम्बाब्वे के ग्रांट फ्लावर और ब्रेंडन टेलर (अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था), और कीनिया के स्टीव तिकोलो इस सूची में रहे हैं ।