कौन सा मसाला फूल की कली से प्राप्त किया जाता है? जानिए
लौग के पौधे मे लगने वाले फूल की कली ही तोड कर सुखा ली जाती है।
वही मसाले मे उपयोग होने वाली “लौंग” होती है
लौंग पौधे मे लगने वाले फूल की कली से प्राप्त किया जाता है।लौंग के फूल गुच्छों में सूर्ख लाल रंग के खिलते हैं, किन्तु पुष्प खिलने के पहले ही तोड़ लिए जाते हैं। ताजी कलियों का रंग ललाई लिए हुए या हरा रहता है।
लौंग की खेती मसाला फसल के रूप में की जाती है. इसके फलों का मसाले में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. मसालों के अलावा इसका इस्तेमाल आयुर्वेद चिकित्सा में भी किया जाता है. इसके फलों की तासीर बहुत ही गर्म होती है. इस कारण इसका ज्यादा इस्तेमाल सर्दियों के मौसम में किया जाता है. सर्दियों के मौसम में सर्दी जुकाम लगने पर इसके काढ़े को पिने से आराम मिलता है. इसके अलावा हिन्दू धर्म में इसका इस्तेमाल हवन पूजा में भी किया जाता है.
लौंग का पौधा एक सदाबाहर पौधा है. इसका पौधा एक बार लगाने के बाद कई वर्षों तक पैदावार देता है. इसके पौधों को विकास करने के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की जरूरत होती है. भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में की जाती है. इसका पौधा लगाने के बाद 150 साल से भी ज्यादा टाइम तक जीवित रह सकता है. इसके पौधों की खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. मान सामान्य होना चाहिए.
अगर आप भी इसकी खेती करने का मन बना रहे हैं तो आज हम आपको इसकी खेती के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं.