कोहिनूर हीरा का रहस्य क्या है? जानिए
कोहिनूर का अर्थ होता है ‘रोशनी का पहाड़’। ऐसी मान्यता है कि यह रहस्यमयी हीरा अभिशप्त है। कहते हैं कि यह हीरा जिसके भी पास रहता है उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाती है। इस हीरे ने कई राजपरिवारों को तबाह कर दिया। कई साम्राज्यों ने इस हीरे को अपने पास रखा लेकिन जिसने भी रखा वह मौत के मुंह में चला गया। जिसके पास भी यह पहुंचा, उसका परचम शुरू में तो खूब लहराया लेकिन अंत भी बुरी तरह हुआ।
वर्तमान आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित गोलकुंडा के खदान से यह हीरा प्राप्त हुआ था।इसी खादान से दरयाई नूर और नूर-उन-ऐन नाम का हीरा भी प्राप्त हुआ था, पर जितनी प्रसिद्घि कोहिनूर को मिली उतनी किसी को नहीं मिली। कहा जाता है कि पहले यह ग्वालियर के राजा विक्रमादित्य के पास था।
लेकिन इस हीरे को पहचान उस समय मिली जब 1306 में एक शख्स ने यह लिखा कि जो इंसान इसे पहनेगा वह संसार पर राज करेगा लेकिन इसके साथ ही उसका बुरा समय भी शुरू हो जाएगा।
शुरू में इस बात को किसी ने स्वीकार नहीं किया लेकिन जब एक के बाद एक घटनाएं होने लगी तब सभी ने इस सच को स्वीकार करना शुरू किया।काकतीय वंश, तुगलक वंश, फिर मुगलों के पास आया। और जिनके पास भी यह पहुंचा उनका परचम शुरू में तो खूब लहराया लेकिन अंत बहुत बुरा हुआ।
शाहजहां ने कोहिनूर हीरे को अपने मयूर सिंहासन में जड़वाया परिणाम यह हुआ कि पहले उनकी पत्नी उन्हें छोड़कर दुनिया से चली गई फिर बेटे ने ही नजरबंद करके सत्ता अपने हाथ में ले लिया।
1739 में नादिर शाह का भारत पर आक्रमण हुआ और मुगलों को पराजित करके वह कोहिनूर अपने साथ पर्शिया ले गया। नादिर शाह ने ही इस हीरे को कोहिनूर नाम दिया। इससे पहले इसे अन्य नाम से जाना जाता था। कोहिनूर ले जाने के ठीक 8 साल बाद यानी 1747 में नादिर शाह की हत्या कर दी गई यानी कोहिनूर ने यहां भी अपनी मनहूसियत दिखाई।
नादिर शाह की मौत के बाद कोहिनूर अफ़गानिस्तान शांहशाह अहमद शाह दुर्रानी फिर उनके वंशज शाह शुजा दुर्रानी के पास आया। लेकिन कोहिनूर के अशुभ प्रभाव के कारण उसकी सत्ता चली गई और वह भागकर पंजाब पहुंचा और कोहिनूर रंजीत सिंह को सौंप दिया।
इसके बाद रणजीत सिंह जी की मौत हो गई और सिख साम्राज्य पर अधिकार करके अंग्रेजों ने इस हीरे को अपने कब्जे में ले लिया। आज यह हीरा इंग्लैंड में है।
इस शापित हीरे के शाप के प्रभाव से बचने के लिए इंग्लैंड की महारानी ने यह वसीयत बनाई कि इसे महिला ही धारण करेगी। लेकिन ऐसा माना जाता है कि इससे भी कोहिनूर का शाप दूर नहीं हुआ और दुनिया भर में फैले अंग्रेजों के साम्राज्य का अंत हो गया।