कोरोना वायरस को खत्म करने के लिये यह होगा मोदी सरकार का Plan B जानकर चौक जायेंगे आप

शभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच पीएम मोदी ने लॉकडाउन की अवधि 15june तक के लिए बढ़ा दी है। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की रणनीति को बारे में कुछ बातें साफ की।

इस बीच मोदी सरकार की योजनाओं और तैयारियों को लेकर चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने सवाल खड़ा किया है।

प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने मंगलवार को किए एक ट्ववीट में केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि अगर प्रतिबंध का विस्तार अप्रभावी साबित होता है, तो क्या सरकार के पास कोई दूसरी योजना है।

पीके मोदी की लॉकडाउन के विस्तार की घोषणा के बाद पीके ने ट्वीट के जरिये सवाल खड़ा किया। मोदी सरकार के तीखे आलोचकों में से एक प्रशांत किशोर ने यह भी पूछा है कि क्या सरकार के पास कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोई वैकल्पिक योजना है (प्लान-बी) या कुछ सही करने की इच्छाशक्ति भी है?”

इससे पहले भी पीके मोदी सरकार पर कोरोना को लेकर हमला बोल चुके हैं। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व नेता प्रशांत किशोर ने मंगलवार की सुबह ट्वीट करने से पहले भी जोर देकर कहा था कि सरकार Covid19 वायरस से लड़ने के लिए एक समग्र नीति बनाए बिना लोगों पर लॉकडाउन लागू कर रही है।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार सुबह देश के नाम संबोधन में लॉकडाउन की अवधि 19 दिन और बढ़ा दी है। अब 3 मई तक लॉकडाउन का विस्तार की घोषणा की है।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने लॉकडाउन की अवधि उस वक्त बढ़ाई है बज जब देश में Covid-19 के मामलों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश में कुल 11211 नए रोगियों का टेस्ट पॉजिटिव आया है। इसके साथ ही देश में कोरोनो वायरस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 310363 पहुंच चुकी है।

भारत में बढ़ रहे कोरोनावायरस के कहर को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोशल मीडिया के जरिए लाइव हुए. इस दौरान राहुल गांधी ने देश में कोरोना को लेकर बढ़ रहे मामलों के बारे में संवेदना जताई. उन्होंने कहा, ”मेरी बातों को आलोचना न समझें, इसे एक सुझाव के तौर पर लें.

मैं कुछ रचनात्मक सुझाव देना चाहता हूं. मैं पिछले कुछ महीने से विशेषज्ञों से बात कर रहा हूं. उस आधार पर कह रहा हूं कि लॉकडाउन रेड बटन है. ये कोरोना का पूरा इलाज नहीं है. लॉकडाउन ख़त्म होते ही वायरस अपना काम करने लगेगा. इस समय का उपयोग बड़े पैमाने पर टेस्टिंग के लिए करना चाहिए.”

उन्होंने कहा, ”कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल और इकोनॉमी दोनों मोर्चे पर लड़ना होगा. खाद्य क्षेत्र को मजबूत कीजिए. ज़रूरतमंदों को राशन कार्ड दीजिए. बेरोजगारी आने वाली है.

उससे लड़ने की तैयारी कीजिए. सिर्फ लॉकडाउन के जरिए वायरस खत्म करते-करते कहीं इकॉनॉमी न पूरी तरह चौपट कर लें. कोविड महामारी मैनेज हो सकता है खत्म नहीं हो सकता. इसे बेहतर तरीके से मैनेज करना है.”

राहुल गांधी ने आगे कहा, ”टेस्ट नहीं किए तो लॉकडाउन ख़त्म होने के बाद फिर उसी हालत में पहुंचने का ख़तरा है. फिर लॉकडाउन करना पड़ेगा. ये लड़ाई अभी शुरू हुई है.

अभी जीत का ऐलान करना जल्दबाज़ी होगी. धीरे धीरे लड़ना होगा. सारे हथियार अभी नहीं ख़त्म करने होंगे क्योंकि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर बड़ा बैक्लैश होने जा रहा है.”

राहुल गांधी ने कहा, ”टेस्टिंग जिस पैमाने पर होना चाहिये नहीं हो रहा है. कोविड-19 के ख़िलाफ लड़ाई टॉप डाउन न हो. पीएम मुख्यमंत्रियों को इम्पावर करें.

जिला स्तर, ब्लॉक स्तर पर लड़ाई ज़्यादा कारगर है. मेरे क्षेत्र केरल के वायनाड में भी यही कारगर हुआ. टेस्टिंग पर जो हो गया हो गया. मैं उस पर कुछ नहीं कह रहा. आगे देखना चाहिए.”

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