केंद्र सरकार के नए निर्देश : अंतिम वर्ष की परीक्षा कराना आवश्यक
केंद्र सरकार की ओर से मानव विकास मंत्रालय और स्नातक स्नातक समिति के अध्यक्ष के द्वारा यह फैसला लिया गया है कि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं हर राज्य में विश्वविद्यालय द्वारा करानी आवश्यक होगी तत्पश्चात ही अंतिम वर्ष के परीक्षाओं के बाद उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री मुहैया कराई जाएगी तत्पश्चात सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर है के परीक्षाओं को किसी भी रूप में संपन्न करने के निर्देश दिए जा चुके हैं अर्थात यह विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी होगी कि वह परीक्षाओं को किस प्रकार से आयोजित कराते हैं या तो छात्रों को उनके घर पर ही रह कर ऑनलाइन ही परीक्षाओं को कराएं या फिर विश्वविद्यालय में बुलाकर परीक्षाओं को संपन्न करवाएं
इसलिए विश्वविद्यालयों को छात्रों के लिए परीक्षा कराने के बाद ही डिग्री को मुहैया कराने की अहमियत समझनी होगी
हालांकि कई ऐसे राज्य भी हैं जहां के विश्वविद्यालय परेशान को ना होने देने पर पूरा बल दे रहे हैं जिसके कारण सरकार द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि वह परीक्षाओं को तुरंत ना कराएं परंतु 30 सितंबर तक परीक्षा कराने की व्यवस्था में करा लें जिन राज्यों में कुछ ऐसे शहर होंगे जहां पूर्णता आने-जाने पर रोक है ऐसे राज्यों मैं ऑनलाइन परीक्षा कराने पर बल दिया जाए
और इसके लिए राज्यों में विश्वविद्यालयों के लिए यह निर्देश भी जारी किया जा चुका है कि वह चाहे तो परीक्षा का पैटर्न बदल सकते हैं जिससे वह अपने इच्छा अनुसार छात्रों की सुविधा के लिए
परीक्षा की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं
ऐसे राज्यों में गुजरात एक ऐसा राज्य सामने निकल कर आया है जहां के संस्थान परीक्षा कराने के लिए नई रूपरेखा तैयार कर चुके हैं एवं टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जा रहा है