किस देश में क्रिसमस 25 दिसम्बर की जगह 7 जनवरी को मनाया जाता है और क्यों?

क्रिसमस के आने में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में आप जानते ही होंगे कि हर साल दुनियाभर में ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है, ईसाई समुदाय के लोग ईसा मसीह को ईश्वर का बेटा मानते हैं और यह ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहां क्रिसमस 25 दिसम्बर को नहीं बल्कि किसी और ही दिन मनाया जाता है।

इसका कारण है पोप ग्रेगोरी और जूलियन कैलेंडर के बीच अंतर, जिस कारण दुनिया के कुछ हिस्सों में क्रिसमस 25 दिसंबर के बजाय 7 जनवरी को मनाया जाता है। आपको बता दें कि दोनों कैलेंडर में 13 दिन का फर्क है और इसके हिसाब से अलग-अलग कैलेंडर को फॉलो करने वाले लोग अलग-अलग दिन क्रिसमस डे मनाते हैं।

ग्रेगोरियन कैलेंडर और जूलियन कैलेंडर के कारण ही सेंटा को दो बार आना पड़ता है। एक ओर जहां पश्चिम के लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर को फॉलो करते हैं तो वहीं रूस, यूक्रेन, इजरायल, इजिप्ट और बुल्गारिया आदि देशों में क्रिसमस का त्योहार जनवरी के महीने में मनाया जाता हैं।

1582 में पोप ग्रेगोरी ने ग्रेगोरियन कैलेंडर बनाया था, जिसके हिसाब से 25 दिसम्बर को क्रिसमस होता है, लेकिन वहीं रूस सहित कई अन्य देशों में जूलियन कैलेंडर फॉलो किया जाता है। जिसके मुताबिक क्रिसमस 25 दिसम्बर को नहीं बल्कि 7 जनवरी को आता है।

इनमें भी अलग-अलग देशों के हिसाब से इसे मनाने के तरीकों में अंतर दिखाई देता है। कुछ जगहों पर इस दिन लोग जुलूस निकाल कर समुद्र, नदी झील तक जाते हैं और बर्फ में गड्ढा करके ब्लेस द वॉटर नाम की रस्म पूरी करते हैं। इनमें बाकी जगहों की तरह गिफ्ट देने वाली संस्कृति को उतनी तवज्जो नहीं दी जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *