किसी नए काम की शुरुआत से पहले इन 3 सवालों के ढूंढ लें जवाब, मिलेगी सफलता

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र किया है। चाणक्य ने धन, बिजनेस, तरक्की और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के हल भी बताए हैं। चाणक्य कहते हैं कि अक्सर हम किसी भी कार्य के बारे में सोच-विचार किए बिना ही उसमें जुट जाते हैं। जिसके कारण सफलता को लेकर संशय बना रहता है। चाणक्य कहते हैं कि किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले व्यक्ति का तीन सवालों के जवाब जान लेना जरूरी होता है। चाणक्य ने नीति शास्त्र में इन तीनों सवालों के जवाब स्वयं दिए हैं-

  1. क्यों किया जाए यह कार्य?

चाणक्य कहते हैं कि किसी भी कार्य का उद्देश्य स्पष्ट होना जरूरी होता है। अस्पष्टता, अज्ञानता और भम्र की स्थिकि में कार्य करना बेहतर नहीं होता है। ऐसे कार्य में सफलता नहीं मिलता है। कार्य व्यवहार पर व्यक्ति का कंट्रोल नहीं रहता है। इसलिए जरूरी है कि कार्य किसलिए किया जा रहा है यह बात पहले ही स्पष्ट रहे।

  1. कार्य के क्या होंगे परिणाम?

चाणक्य कहते हैं कि कार्य के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कार्यगत परिणाम है। कार्य पूर्ण होने के अल्पकालीन और दीर्घकालीन परिणाम क्या होंगे? निजी लाभ के दायरे में रहकर किए गए कार्य के दीर्घकालिक परिणाम अच्छे नहीं है। अंत में इससे अहित ही होता है। इसलिए इंसान को किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले उसके परिणामों के बारे में विचार करना जरूरी होता है।

  1. क्या मैं सफल हो पाऊंगा?

चाणक्य कहते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न निजी योग्यता और संकल्पशक्ति से संबंधित है। कार्य के उद्देश्य, परिणाम पर विचार करने के बाद व्यकति को खुद की सफलता पर भी विचार करना चाहिए। आज के दौर के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है। अक्सर लोग आत्म मूल्यांकन किए बिना ही कार्य में जुट जाते हैं। ऐसे में उनकी सफलता पर सशंय बना रहता है।

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