कम्युटर या मोबाइल में डिलीट किया हुआ डाटा कहाँ जाता है, क्या सचमुच वह नष्ट हो जाता है?
हम जो कुछ डाटा अपने मोबाइल या कम्प्यूटर में दर्ज करते हैं, कह सकते हैं वह अमिट हो जाता है। जबतक कि हम अपने उपकरण का ‘डाटा रिसेट’ नहीं करते। कम्प्यूटर चाहे मैक हो या विंडोज, जो कुछ डाटा हम मिटाते हैं, प्रथमतः वह या तो ट्रैश में जाता है या रिसाइकिल बिन में। एसा ही मोबाईल के साथ भी है।
जो डाटा रिसाइकिल बिन या ट्रैश में उपस्थित होता है, उसे तो पुनः रीस्टोर किया जा सकता है, इसलिए हमें यह मालूम है कि रिसाइकिल बिन या ट्रैश कोई एसा स्थान नहीं जहाँ डाटा पूर्णतया नष्ट होते हैं। किन्तु जब डाटा रिसाइकिल बिन या ट्रैश से भी मिटा दिया जाता है तो क्या डाटा नष्ट होता है? क्या हमारा उपकरण उस डाटा से आजाद होता है? नहीं।
अपने कम्प्यूटर या मोबाइल से स्थाई तौर पर मिटाए हुए डाटा का न तो स्थान परिवर्तन होता है और न ही वह खत्म होता है। बल्कि उसके बाइनरी अथवा टाइटल में परिवर्तन कर दिया जाता है। हमें वह डाटा दिखाई देना बन्द हो जाता है। एक प्रकार से उस डाटा को हमसे छुपा (हाइड) दिया जाता है।
आप इसे इस प्रकार समझ सकते हैं,
जैसे एक नया लैपटॉप खरीदे, आप ड्राव के स्पेश को बचाने के लिए बेहद चिन्तित रहते हैं और जो कुछ भी डाटा प्रयोग करते हैं, जल्द ही उसे डिलीट करते चलते हैं, किन्तु फिर भी आप देखते हैं आपका ‘C’ ड्राइव धीरे-धीरे भरता ही जाता है और एक दिन आपको पूरा कम्प्यूटर ही फार्मेट कर देना पड़ता है। इसी प्रकार मोबाइल में हम कुछ भी रखते हैं, हटाते हैं, एप डाउनलोड करके हटाते रहते हैं किन्तु फिर भी एक समय पर मोबाइल मेमोरी भर ही जाती है। एसा क्यों? क्योंकि जो कुछ डाटा आपने प्रयोग किया, वह स्थाई ही रह जाता है। मिटता ही नहीं है। बस छुप जाता है।