‘कबूतर’ को ‘प्यार’ की निशानी क्यों माना जाता है

हम सब ने वह गाना सुना है कबूतर जा कबूतर जा……………! जब मैंने यह गाना सुना ,तो मेरे दिमाग में एक सवाल आया कि प्यार की निशानी के रूप में कबूतर ही क्यों ?तब मैंने जानकारी निकाली तो मुझे पता चला प्यार के मामले में कबूतर से ज्यादा वफादार और कोई पक्षी नहीं, इसीलिए फिल्मों में प्रेमी-प्रेमिका प्यार के लिए कबूतरों का उपयोग किया जाता है.

इंसानों से कहीं ज्यादा वफादारी दिखाते हैं कबूतर अपने साथी के प्रति यह बिल्कुल सच है कबूतर ज्यादातर हमेशा जोड़ी में रहते हैं और अपने साथी का साथ नहीं छोड़ते जब तक उनका साथी जिंदा हैै, किसी दूसरे साथी के साथ नहीं रहते हैं और हमेशा हर स्थिति में एक दूसरे का साथ देते हैं कभी-कभी तो अगर एक साथी मर जाता है तो कुछ समय बाद दूसरा साथी भी मर जाता है इतना गहरा प्यार होता है या फिर अगर दूसरा साथी बनाते भी है दो केवल तभी जब उनका पहला साथी मर जाता है या बिछड़ जाता है, इतना गहरा प्यार होने की वजह से फिल्मों में कबूतरों को प्यार की निशानी के रूप में दिखाया जाता है.

कबूतर सिर्फ अपने साथी के प्रति वफादार नहीं होते बल्कि वह जो उन्हें पालता है उसके प्रति भी वफादार होते है जो लोग इन कबूतर को पालते हैं वह उन्हें खुला छोड़ देते हैं कबूतर घूम कर वापस वही आ जाता है. पुराने समय में , लोग संदेश भेजने के लिए कबूतरो का उपयोग किया करते थे.कबूतर से किसी पक्षी की तुलना नहीं की जा सकती.

इसलिए जब भी आपको कभी अपने साथी को उपहार देना हो तो कबूतर का चुनाव ठीक रहेगा जिससे कि आप अपने साथी को कबूतर की कहानी भी बता सकते हैं हो सकता है कबूतर की सच्चाई जानकर आपको पहले से ज्यादा प्यार मिलने लगे हैं.

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