कपिंग थेरेपी क्या है तथा इसके फायदे क्या हैं? जानिए
पिछले कुछ सालों में कपिंग थेरेपी काफी चर्चा में रहा है तथा धीरे-धीरे कपिंग थेरेपी का क्रेज चिकित्सा जगत में बढ़ ही रहा है। आगे बढ़ने से पहले एक बात जान ले कि कपिंग थेरेपी को ही हिजामा थेरेपी कहा जाता है।
कपिंग थेरेपी या हिजामा थेरेपी के द्वारा चिकित्सा का तरीका साल 2 साल पुराना नहीं बल्कि अनुमान के मुताबिक 5000 साल पुराना हो सकता है। इलाज के इस तरीके की खोज चीन तथा अरब देशों में हुई थी। दुनिया में मेडिकल फील्ड से जुड़ी जो सबसे पुरानी किताब है उसमें भी कपिंग थेरेपी का वर्णन है। यहां बताया गया है कि किस तरह मिस्र अरब के लोग हिजामा थेरेपी किया करते थे।
हिजामा थेरेपी क्या है, तो बता दें कि ये एक ऐसी तकनीक है जिसमें शरीर से विषैले खूनो को निकाला जाता है। एक मान्यता है कि व्यक्ति के शरीर में नियमित रूप से उसके त्वचा के ठीक नीचे गंदा खून जमा होता रहता है। यह खून शरीर के लिए जहरीला माना जाता है। यह कई बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए इस खून को निकालने की प्रक्रिया के लिए ही हिजामा थेरेपी या कपिंग थेरेपी किया जाता है।
कपिंग थेरेपी के द्वारा तकनीकों का उपयोग करते हुए शरीर के अलग-अलग हिस्सों से खून को निकाला जाता है। ध्यान दें कि यहां बेहद कम मात्रा में खून निकाला जाता है। इसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है।
हिजामा थेरेपी एक-दो नहीं बल्कि कई तरह की बीमारियों से बचाने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों के इलाज के यह भी अब उपयोग किया जाने लगा है। आजकल बाल झड़ने की समस्या से निजात पाने के लिए लोग बड़ी संख्या में हिजामा थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं।
हिजामा थेरेपी के बारे में अब तक जो अध्ययन किया जाता है उससे यह साबित हुआ है कि वास्तव में हिजामा थेरेपी से काफी फायदा होता है तथा जो व्यक्ति नियमित रूप से हिजामा थेरेपी करवाते हैं वह बीमारियों से भी बचे रहते हैं।
अब तक की जांच से यह भी पता चला है कि हिजामा थेरेपी के नुकसान भी नहीं है। हालांकि अभी भी इस क्षेत्र में रिसर्च किया ही जा रहा है।