औषधीय पौधा जो कर सकता है डायबिटीज और खून की कमी जैसी बीमारियों का इलाज

गुड़हल का फूल आपको कहीं भी देखने को मिल सकता है। इसे जवाकुसुम नाम से जाना भी जाता है। यह लाल, गुलाबी, नीला, पीला आदि रंगों में पाया जाता है। आयुर्वेद में भी गुड़हल के पेड़ को एक संपूर्ण औषधि माना गया है। इसकी जड़ से लेकर पुष्प तक हर चीज किसी न किसी बीमारी के इलाज में काम आती हैं।

अध्ययन में पाया गया कि गुड़हल का रस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है। यह फूल कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, फैट, मिनरल्स और एंटीओक्सिडेंट जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं।

याददाश्त को करता है मजबूत

गुड़हल के फूलों का शरबत दिल एवं दिमाग की शक्ति के लिए काफी लाभदायक होता है। यह याददास्त शक्ति को बढ़ाता है। इसके लिए गुड़हल की 10 पतियां एवं दस फूलों को सुखाकर पीस लें तथा इस चूर्ण का 3 से 5 ग्राम प्रतिदिन सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें। इसे यादाश्त की कमजोरी दूर हो जाती है।

डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक

गुड़हल की 20- 25 पतियों का नियमित सेवन डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हो साता है। यह शुगर को नियंत्रित करने में मददगार होता है।

बाल झड़ने की समस्या के लिए

अगर बाल झड़ने की समस्या हो तो गुड़हल, फूल मेथी दाना और बेर की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को बालों पर लगाकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। इसके बाद बाल धो लें। ऐसा करने से आपके बाल स्वस्थ मजबूत तथा झड़ना बंद हो जाता है। केवल गुड़हल की पत्तियों को भी पीसकर बालों में लगाने से लाभ होता है।

इम्यूनिटी सिस्टम बनता है मजबूत

गुड़हल विटामिन सी से भरपूर होता है। इसके पत्तियों का सेवन चाय या अन्य रूपों में करने से सर्दी, खांसी में भी काफी राहत मिलता है। गुड़हल का शरबत बुखार में भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए सो फूलों का रस निकालकर शर्बत बनाकर पीने से राहत मिलता है।

खुजली एवं जलन के लिए

गुड़हल की पत्तियां खुजली एवं जलन में भी राहत देती है। साथ ही सूजन को खत्म कर देता है। इसके लिए इसकी पत्तियों को अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट बना लें तथा प्रभावित स्थान पर इसका प्रयोग करें। इसके प्रयोग से जलन तुरंत दूर होता है तथा खुजली धीरे-धीरे खत्म हो जाता है।

खून की कमी होती है दूर

गुड़हल के फूलों में आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है अतः यह महिलाओं में होने वाली एनीमिया यानी खून की कमी को भी दूर करने में मददगार होता है। इसके लिए 40- 50 गुड़हल की कलियों को सुखाकर पीसकर पाउडर बनाकर सुबह-शाम इस पाउडर का 3 से 5 ग्राम प्रतिदिन एक कप दूध के साथ 1 महीने तक लेना चाहिए।

त्वचा की समस्याओं के लिए

गुड़हल की पत्तियों को पीसकर उसमें मधु मिलाकर लगाने से मुंहासे खत्म हो जाते हैं। गुड़हल की पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोल

कोलेस्ट्रॉल अगर शरीर में बहुत बढ़ जाए तो आपको दिल की कई बीमारियां हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अपना कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल करें। एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि 1 ग्राम गुड़हल के पत्ते का रस वेट और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल दोनों को कंट्रोल कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *