ऐसे बनती है सीमेंट क्या आप जानते हैं

सीमेंट के आविष्कार के बाद दुनिया मे विकास की एक नई क्रांति का गयी। सीमेंट के बिना बड़ी-बड़ी इमारते बनाने का सपना पूरा होना मुमकिन नही था मगर क्या आप जानते हैं आखिर यह सीमेंट बनती कैसे है तो आइए जानते हैं

दोस्तों सीमेंट बनाने के लिए मुख्यतः चूना पत्थर और क्ले का प्रयोग किया जाता है। दोनो के बड़े बड़े टुकड़ो को मशीन में बारीक पीस कर एक निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है उसके बाद दोस्तों इस मिश्रण को बहुत तेज तापमान में गर्म किया जाता है लगभग 1300 से 1500 ℃ पर दोस्तों मिश्रण को गर्म करने वाली भट्टी एक विशेष प्रकार की होती है जिसमे तापमान आगे चलने पर बढ़ता है।

जैसे ही दोस्तो यह मिश्रण अच्छी तरह गर्म होता है तो इसमें छोटे छोटे क्लिंकर बन जाते हैं दोस्तों इन क्लिंकर को दुबारा से मशीन में बारीक पीस लिया जाता है और इस बार पीसते वक़्त जिप्सम मिला दिया जाता है दोस्तों जिप्सम इसमें इसलिये डालते हैं क्योंकि जिप्सम की वजह से ही सीमेंट जमने में वक़्त लगाती है यदि जिप्सम नहीं डालते तो सीमेंट पानी के सम्पर्क में आते ही बहुत जल्दी जमकर ठोस हो जाती है .

ऐसे में सीमेंट के साथ काम करना आसान नहीं होता दोस्तों जिप्सम के साथ बारीक पीसकर इसको बैग में भरकर रख दिया जाता है जहाँ से बाजार में बेचने के लिए यह तैयार हो जाता है। क्या आप जानते हैं एक बैग में 50 kg सीमेंट भरी जाती है।

दोस्तो सीमेंट के कई प्रकार होते हैं और सीमेंट को जिस काम के लिए उपयोग में लेना है उसके हिसाब से इसे बनाते समय अलग-अलग बदलाव किए जाते हैं जैसे कि कोई सीमेंट जिसे ऐसी जगह इस्तेमाल करना है जहाँ इसे जल्दी से ठोस करवाना हो जैसे कि अंडर वाटर के निर्माण कार्य मे तो उसमें जिप्सम की मात्रा साधारण सीमेंट की तुलना में कम डाली जाती है ताकि सीमेंट जल्दी सेट हो सके।

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