एक विवाहित लड़की को कब अपना मायका पराया लगता है?

हमारे समाज में परंपरा है जब लड़की का विवाह हो जाता है ।लड़की पराई हो जाती है शादी के कुछ दिनों बाद तक तो बहुत आना-जाना रहता है। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ-साथ उसकी जिम्मेदारियों का दायरा बढ़ता चला जाता है और वह अपने घर परिवार में व्यस्त हो जाती है ।बच्चे हो जाते हैं, पति सास ससुर ,ससुराल की जिम्मेदारियां। पर अपने मायके के लोगों को कभी नहीं भूलती।

माता-पिता को भी कभी नहीं भूलती ।मायका पराया तब हो जाता है ,जब माता-पिता ही नहीं होते। क्योंकि जो प्यार दुलार आपके माता पिता आपको देते हैं उनके ना होने के बाद वह प्यार आपको मिलने ही नहीं वाला है। जितने हक से आप अपने माता-पिता से कोई भी बात कह सकते हो कुछ भी मांग सकते हो उनके ना होने के बाद वह मुमकिन नहीं होता।

जिनके माता-पिता जिंदा है लड़कियां जाती रहती हैं मायके। कई बार माता-पिता कुछ मुश्किल में होते हैं पर अपनी बात अपनी बेटी से नहीं कहते छुपा देते हैं अपनी दिल की बातें अपने दिल में ही रखते हैं। अपनी बेटी को बताना नहीं चाहते।ऐसा वह इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इसे मैं अपनी परेशानी बताऊंगा आया बताऊंगी तो परेशान हो जाएगी। ऐसा वह अपनी बेटी से प्यार करने की वजह से करते हैं उसे कोई तकलीफ नहीं देना चाहते।

कुछ लड़कियां जिनके माता-पिता भाई भाभी के पास अच्छे से रहते हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं है। कहीं पर मां अकेली है भाभी का व्यवहार सही नहीं है। ऐसे में मां अपनी बेटी से कुछ नहीं कहती , क्योंकि वह नहीं चाहती है कि वह किसी मुश्किल में है बेटी जाने ।इसलिए वह बेटी को जाने को कहती है और उसके साथ कई बार अच्छा व्यवहार नहीं करती ,शायद भाभी की वजह से। जिस वजह से लड़की को मायका पराया लगता है। भाई भाभी वो अपनापन यह प्यार से है उसका स्वागत नहीं करते तो भी मायका पराया लगता है मायके की कोई भी बात जब की जाती है उसको उसको शामिल नहीं किया जाता।

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