एक मनुष्य को निर्वस्त्र होकर कौन से काम नहीं करना चाहिए?

एक मनुष्य को निर्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जल देवता का अपमान बताया जाता है।
वही बिना कपड़ों के सोना भी नहीं चाहिए क्योंकि पूर्वज नाराज हो जाते हैं।
बिना कपड़ों के ना तो आचमन करना चाहिए और ना ही खाना खाना चाहिए।
और बिना कपडों के पुजा पाठ भी नहीं करना चाहिए।
लेकिन आदिकाल में जब वस्त्रों का आविष्कार भी नहीं हुआ था ,तब सारी मनुष्य जाति निर्वस्त्र ही रहा करते थे। कपड़ा उनकी मूल आवश्यकताओं में शामिल नहीं था। लेकिन वह वातावरणीय समस्याओं से हमेशा पीड़ित रहा इसलिए उसने पेड़, पत्तों व जानवरों की खालों से शरीर को ढकने का काम किया। जो उन्हें सर्दी गर्मी और बरसात से बचाते थे ।इसके अलावा नागा साधु भी निर्वस्त्र ही रहते हैं और वे अपना सारा काम निर्वस्त्र ही करते हैं ।लेकिन इस विषय में विज्ञान क्या कहता है इसको समझ लेते हैं।विज्ञान के अनुसार —

विज्ञान के अनुसार बिना कपड़ों के सोने से ब्लड सरकुलेशन अच्छा होता है , और त्वचा को भी फायदा होता है। इसके अलावा अनिद्रा की बीमारी भी दूर होती है और नींद अच्छी है। दरअसल कपड़ा त्वचा को सीधे वातावरण में संपर्क में आने से रोकता है और यह पसीने को भी सोखता है और यही कपड़े अगर ज्यादा वक्त तक पहने रखें तो कीटाणुओं का घर बन जाता है। लेकिन कपड़े का फायदा यह है कि यह हमें सर्दी गर्मी और बरसात से बचाता है।
इसके अलावा निर्वस्त्र होकर नहाने से त्वचा की सफाई अच्छे से होती है तथा शरीर का हर एक भाग साफ हो जाता है।

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