एक ऐसा पक्षी जो मगर के मुहं में घुस के भी निकलता है, जिन्दा बाहर

आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी कि एक ही नदी में रहकर मगर से बैर नहीं किया जा सकता। लेकिन आज हम आपकों ऐसे पक्षी के बारे में बताने वाले है, जो मगरमच्छ के मुहं में जाकर भी अपना पेट भरता है।

जी हां भले ही मगरमच्छ कितना भी खतरनाक क्यों न हो लेकिन एक पक्षी है जिसे वो कभी अपना शिकार नहीं बनाता है। आज हम जिस पक्षी ​के बारे में बात करने वाले हैं, वो है मिस्र का प्लोवर पक्षी। प्लोवर का मगरमच्छ पक्षी भी कहा जाता है। 

अक्सर इसे मगरमच्छ के मुहं में देखा जा सकता है।यह पक्षी प्लुवियनस जीन का एकमात्र सदस्य है। सामान्यत इनकी लम्बाई 13 सेमी. तक देखे जाते हैं। जिनके पंख भूरे रंग के होते है और सिर और पीछे की ओर काली रेखाए होती है। 

कहते है दोनों हाथ मिलने पर ही हाथ धुलते है कुछ ऐसा ही इनके साथ भी है, क्योंकि मगरमच्छ अपने मुहं में जाने के बाद किसी को छोड़ ऐसा नामुमकिन है लेकिन यह पक्षी मगर के मुहं की सफाई का काम करता है। जिससे इसका मुहं ताजा और संक्रमण के मुक्त रहता है। 

अब ऐसा भी नहीं है कि पक्षी मुफ्त में ही ऐसा करता है ​बल्कि उसका भी इसमें कुछ स्वार्थ होता है। जी हां बता दे कि प्लोवर मगर के दांतों और मुहं की सफाई इसलिए करता है क्योंकि जो भी उसके मुहं से बचा हुआ खाना निकलता है वो प्लोवर के ही खाने के काम में आता है।

यह मगर के दांतों में फसे छोट—छोटे टूकड़ों को बाहर निकलता है और उससे अपना पेट भरता है। एक दूसरे के आपस में काम आने के कारण इनको आपस में साथी माना जाता है। अब ये बात तो मगर भी जानता है कि साथ आने वाले व्यक्ति को कभी नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। इसी बात को हमें भी समझना चाहिए कि साथ चलने वाला ही लम्बे समय तक टिका रहता है।

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