उर्वशी ने अर्जुन को नपुंसक का अभिशाप क्यों दिया था? जानिए कारण
इंद्रा अर्जुन के आध्यात्मिक पिता है, अर्जुन ने इंद्रा के लिए गाण्डीव के साथ युध किया, इस युध के बाद ही अर्जुन का गाण्डीव धारी कहा गया, इस के बाद इंद्रा ने अर्जुन को एक वादा किया की वो उसको अस्त्र और शस्त्र देंगे जो की शिव की शक्ती के साथ होंगे इसके लिए अर्जुन को शिव की आराधना करनी पड़ेगी, इसके बाद अर्जुन इइंदरकीलादरी पर्वत पर ध्यान मग्न हो गए, वह पर एक जंगली सूअर आ गया, जंगली सूअर ने अर्जुन पे धावा बोल दिया अर्जुन ने अपना तीर निकाला और जंगली सूअर पर चला दिया लेकिन अर्जुन ने देखा की एक दूसरा तीर भी आकर सूअर को लगा हुआ है, ये तीर एक दूसरे शिकारी का था। इसके बाद अर्जुन और शिकारी में युध शुरू हो गया की पहले किसने मारा है इस सूअर को। अर्जुन उस शिकारी को हर नहीं पा रहा था और उससे हार गया।
अर्जुन के हार मानने पर उसने शिकारी से पूछा की तुम कौन हो, शिकारी आपने असली रूप में आ गया, वो कोई और नहीं महादेव थे। महादेव अर्जुन से प्रसन्न हुए और उसको आशीर्वाद दिया, साथ में एक पशुपास्त्र दिया। इसके बाद इंद्रा अर्जुन को स्वर्ग लेकर गए वह जाकर इंद्रा ने और भी अस्त्र अर्जुन को दिए। इस समय जब वो इंद्रा के राजमहल में रह रहे थे, वह की एक अप्सरा उर्वशी ने अर्जुन को देखा और मोहित हो गई।
और उर्वशी ने अर्जुन के सामने अपने प्यार का इज़हार कर दिया की वो उसके साथ प्रणय करना चाहती है, जब अर्जुन ने ये सुना तो उसने उर्वशी को माँ कह कर सम्बोधित कर दिया, ऐसा करने पर उर्वशी को क्रोध आ गया। और उर्वशी ने अर्जुन को श्राप दे दिया की तुम एक साल तक नपुंसक बनोगे।