इस बच्चे को भेडियो ने पाला था? और फिर वह बच्चा बड़ा हो कर बना एक …
1867 में शिकारियों की एक टोली पश्चिमी उत्तर प्रदेश [बुलन्दशहर ]के जंगल में शिकार कर रही थी। तभी एक शिकारी ने देखा कि एक भेड़िये के पीछे एक मानव का बच्चा जानवर की तरह चल रहा है। उन्होंने उनका पीछा किया। वे भेड़िये एक खोह में छुप गए। शिकारियों ने धुंआ करके भेडियो को बाहर निकाला और मार दिया। उसके बाद उस बच्चे को पकड़ लिया। शिकारी उस बच्चे को पकड़ कर सिकंदरा [आगरा ] ले गए और वहां एक ईसाई अनाथालय को दे दिया ।
6 साल का बच्चा जानवरो की तरह चारो हाथो पैरो पर चलता था। उसे कच्चा मांस ही खाना पसंद था। 34 साल की उम्र तक वह जिया। उसका नाम दीना शनिचर रखा गया था। वह पूरी उम्र बोलना नहीं सीख पाया। वह सिर्फ गुर्राता था। बाद में उसने प्लेट में खाना भी सीख लिया। उसे तम्बाकू पीने की आदत हो गयी और वह चेन स्मोकर बन गया और तपेदिक से उसकी मृत्यु हो गयी। पिछली शताब्दी के पहले दशक में रामपुर के जंगलो में भी भेडियो के पास से ४ इंसानी बच्चे मिले थे।
उनका वयवहार भी दीना शनिचर के समान था। वे सभी भी अल्पायु में मर गए। सम्भवत दीना शनिचर को ध्यान में रखकर ही रुडयार्ड किपलिंग ने मोगली नामक पात्र रचा। महत्वपूर्ण बात यह है कि जीवन के शुरू के ६ साल भेडियो के साथ रहने के कारण दीना हमेशा के लिए उन्ही के जैसा हो गया। और बाद के २८ साल में बोलना नहीं सीख पाया। इससे पता चलता है कि जीवन के शुरूआती वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं सीखने हेतु