इस कहानी से पता लगता है जूतों का आविष्कार कैसे हुआ

बहुत समय पहले एक राज्य में एक राजा निवास करता था। उसकी प्रजा उससे बहुत पसंद थी। राजा की रानी ने एक बार उससे घूमने की जिद की। राजा ने रानी की बात को मान लिया। राजा अपनी रानी और अपने मंत्रियों के साथ घूमने निकल पड़ा।

जब राजा घूम धाम कर रात को अपने महल पर पहुंचा। तो उसकी अपने मंत्रियों से कहा की मार्ग पर पर एक कंकड़ पत्थर और कांटों की वजह से मेरे पैरों में चुभ गए हैं। इस कारण मेरे पैरों पर बहुत अधिक दर्द हो रहा है। आप लोग कुछ ऐसी योजना बताइए जिससे अगली बार मेरे पैरों मैं घूमते समय कंकर पत्थर अथवा कांटे ना लगे।

राजा के मंत्रियों ने काफी देर विचार विमर्श किया‌। एक मंत्री ने राजा को सुझाव दिया कि अपने राज्य की सभी सड़कों पर चमड़ा जडवा दीजिए। राजा को यह उपाय बहुत पसंद आया। राजा ने अपने मंत्रियों और सैनिकों को आदेश दिया कि उसके संपूर्ण राज्य की सड़कें चमडे से ढक दी

राजा का राज्य अत्यंत विशाल था। यदि उसके राज की संपूर्ण सड़कों को चमड़े से ढकवा ने पर बहुत अधिक धन की आवश्यकता थी। परंतु राजा के डर से किसी ने इस बात का विरोध नहीं किया। राजा की कोषाध्यक्ष ने यह समस्या राजा की रानी के सामने रखी। राजा की रानी अत्यंत बुद्धिमान थी।

जब राज्य के समस्त कार्य समाप्त करने के बाद राजा अपनी रानी के पास आया। तो रानी ने राजा को समझाया यदि आप अपने राज्य की समस्त सड़कों को चमड़े ढकवागे। तो आपके राजकोष का काफी धन अनावश्यक रूप से बर्बाद होगा।

मेरे पास से एक युक्ति है जिससे आपके पैरों में कांटे कंकर पत्थर आज नहीं चुभेंगे। राज्य का इतना धन भी फिजूल में बर्बाद नहीं होगा। राजा आश्चर्यचकित हो गया। राजा रानी से बोला तुम्हारे पास ऐसा क्या उपाय है जिससे मेरे पैरों में कंकर पत्थर आज नहीं चुभेगे। मेरे राज्य का का धन भी नहीं बर्बाद होगा।

रानी ने कहा कि पूरे राज्य को चमड़े से ढंकने की अपेक्षा आप अपने पैर को ही चमड़े के एक दूसरे से क्यों नहीं ढक लेते हैं। राजा को यह सुझाव अत्यंत पसंद आया उसने अपने मंत्री को तुरंत बुलाकर जूते बनाने का आदेश दिया। इस प्रकार लोग जूते पहनने लगे।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें हमने जीवन में किसी भी समस्या को हल करने के लिए ऐसे हल ढूंढने चाहिए जिसमें कम खर्च भी हमारी समस्या हल हो जाए।

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