इंसानियत कहां हैं? एक गर्भवती हथिनी की कहानी और सवाल, क्या इंसान अब भरोसे के लायक नहीं!
क्या हम ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां इंसानियत नाम की कोई चीज़ ही नहीं है, जहां मानवीयता, हमदर्दी का अंश तक नहीं है। क्या दुनिया से मानवता मर चुकी है? सवाल लाज़मी है, क्योकिं केरल से एक ऐसी तस्वीर सामने आई, जो दिल को झकझोर रही है।
यहां मलप्पुरम नाम जिले में कुछ शरारती लोगों ने हथिनी को पटाखों से भरा अनानास खिला दिया। पटाखे हथिनी के मुंह में फट गए। हथिनी गर्भवती थी, कुछ महीने बाद वो एक नन्हीं जान को जन्म देने वाली थी, लेकिन वहशी लोगों की एक शरारत के कारण उसकी और नन्हें मासूम की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। मां बनने वाली हथिनी भूखी थी, वो खाने की तलाश में जंगल के बाहर आ गई, और गांव में भटक गई।
स्थानीय लोगों ने हैवानियत की हद करते हुए उसे अनानास में पटाखे भरकर खिला दिया। खुद के कारण हथिनी ने अनानास तो खा लिया, लेकिन बाद में उसकी तबीयत बहुत बिगड़ गई। घायल होने के बाद वो इतनी पीड़ा में थी कि तीन दिन तक वेलियार नदी में खड़ी रही और उस तक चिकित्सीय मदद पहुंचाने के सभी प्रयास नाकाम रहे। जब मेडिकल टीम पहुंची तब तक हथिनी ने पानी में ही दम तोड़ दिया। रेस्क्यू टीम का हिस्सा रहे वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने फेसबुक पर लिखा, ‘उसने सभी पर भरोसा किया। जब वह अनानास खा गई और कुछ देर बाद उसके पेट में यह फट गया तो वह परेशान हो गई।
हथिनी अपने लिए नहीं बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए परेशान हुई होगी, जिसे वह अगले 18 से 20 महीने में जन्म देने वाली थी।’ अधिकारियोंने बताया कि पटाखे उसके मुंह में फट गए जिससे मुंह और जीभ बुरी तरह से जख्मी हो गए। दर्द के कारण वह कुछ खा नहीं पा रही थी। उसके पेट में पल रहे बच्चे को भी कुछ नहीं मिल पा रहा था। उसने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। ट्विटर पर लोग इस घटना का विरोध कर रहे हैं। वाकई इस घटना ने दिल तोड़ दिया है, और सोचने पर मजबूर किया है कि क्या इंसान पर भरोसा करना सबसे बड़ी गलती है ?