इंडक्शन मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर क्यों नहीं चलता है?
इंडक्शन मोटर ( Induction Motor)
यह एक एसी (AC) मोटर है जो दो प्रकार का होता है- सिंगल फेज इंडक्शन मोटर और थ्री फेज इंडक्शन मोटर। छोटे मोटे कार्यों के लिए सिंगल फेज इंडक्शन मोटर का इस्तेमाल होता है जैसे आपके घर में लगा सीलिंग फैन। वहीं बड़े बड़े कार्यों जैसे रेल के इंजन (जो सामान्यतः सफेद और हरे रंग के होते हैं) और उद्योगों में थ्री फेज इंडक्शन मोटर इस्तेमाल होता है। दुनिया भर में जितने भी मोटर इस्तेमाल होते हैं उनमें 90 प्रतिशत इंडक्शन मोटर होते हैं।
सिंक्रोनस स्पीड (Synchronous Speed)
एक थ्री फेज चुम्बकीय क्षेत्र जिस गति से घूर्णन करता है उसे सिंक्रोनस स्पीड कहते हैं।
अब मूल सवाल पर आते हैं।
इंडक्शन मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर क्यों नहीं चलता है?
जब इंडक्शन मोटर को थ्री फेज एसी सप्लाई दी जाती है तो मोटर के अंदर एक थ्री फेज रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड(Rotating Magnetic Field) पैदा होता है। यह सिंक्रोनस स्पीड पर गति करता है। गति के दौरान यह मोटर के रोटर (घूमने वाले भाग) पर स्थित कॉपर के चालकों को काटता है। ये चालक शुरुआत में विराम में होते हैं और गति करता हुआ चुंबकीय क्षेत्र लगातार इनसे टकराता रहता है। अब फैराडे के विद्युत चुंबकीय नियमों के अनुसार इन चालकों में एक विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है.
जिससे एक प्रेरित विद्युत धारा इनमें बहने लगती है। अगर आप ध्यान से समझें तो इन चालकों में विद्युत धारा प्रेरित होने का कारण चालक और चुम्बकीय क्षेत्र के बीच आपेक्षिक गति है। इसलिए लेंज के नियम के अनुसार इन चालकों में प्रेरित धारा इस प्रकार कार्य करती है कि यह इस आपेक्षिक गति का विरोध करती है। इसके लिए एक परिणामी बल आघूर्ण पैदा होता है जो रोटर को उसी दिशा में घुमाने लगता है जिस दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र गति करती है। इस प्रकार मोटर घूमने लगता है। लेकिन आश्चर्य वाली बात यह है कि मोटर उस गति से नहीं घूम पाता जिस गति से स्वयं चुम्बकीय क्षेत्र घूम रही होती है। इसके दो मुख्य कारण हैं-
- विचार कीजिए कि रोटर उसी गति से घूम रही है जिस गति से चुम्बकीय क्षेत्र घूम रही है। चूंकि दोनों एक ही दिशा में घूम रहे हैं अतः उनके बीच आपेक्षिक गति शून्य होगी। इस स्थिति में चुम्बकीय क्षेत्र रोटर के चालकों को नहीं काटेगी जिससे कोई प्रेरित विद्युत वाहक बल नहीं उत्पन्न होगा और न ही कोई प्रेरित धारा होगी। इस प्रकार कोई बल आघूर्ण पैदा नहीं होगा जिससे मोटर घूम नहीं पाएगा।
- ध्यान रखिए कि मोटर को घूमने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जब मोटर गति करता है तो हवा में उपस्थित घर्षण के कारण तथा रोटर चालकों में कॉपर ऊर्जा की हानि के कारण मोटर की ऊर्जा कम हो जाती है। इसी कारण मोटर कभी भी सिंक्रोनस स्पीड पर नहीं घूम पाता।