आर्मी के लोगों को सरकार शराब क्यों देती है ?

क्योंकि वे विषम परिस्थितियों में अपनी ड्यूटियों का निर्वाह करतें हैं, इसलिए उन्हें निम्न कारणों से शराब दी जाती है।

उनकी ड्यूटी 8 या 12 घण्टे की नहीं होती है, एक तरह से 24 घण्टे की ड्यूटी होती है, कभी भी किसी समय, रात हो या दिन उनसे काम लिया जाता है, दिनभर व रात-रात भर उन्हें कार्य करना पड़ता है, बर्फीले एरिये में जहाँ माइनस 45 डिग्री का तापमान होता है वहां शरीर को गर्म रखने के लिए भी उन्हें शराब वितरित की जाती है, उन्हें पैदल रोड़ मार्च करना पड़ता है, चलना पड़ता है,

जिससे उनके शरीर में थकावट हो जाती है, थकावट को दूर करने के लिए उन्हें 60 ml से 120 ml याने दो पैग तक निश्चित मात्रा में शराब दी जाती है।

साथ ही उन्हें घर परिवार की याद न आये साथ ही उन्हें लड़ाई के दौरान दुश्मन को मौत की नींद सुलाने में कोई हिचकिचाहट न हो, पुराने जमाने में जब तलवारों से दुश्मनों का वध किया जाता था, तो भी सैनिकों में जोश भरने के लिए शराब का सेवन कराया जाता था, जिससे वे खून देखने से विचलित न हों और अपना कार्य ठीक ढंग से कार्य कर सकते थे।

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