आपके विचार से ‘तेजस’ जैसी आधुनिक ट्रेन पटरी से क्यों उतर गई?

देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस का संचालन सोमवार 23 नवंबर 2020 से अगले आदेश तक बंद होने जा रहा है। रविवार सुबह लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के लिए तेजस से करीब 400 यात्री और नई दिल्ली से लखनऊ आने वाली तेजस में करीब 250 यात्रियों ने सफर के लिए बुकिंग कराई। इससे ज्यादातर सीटें खाली ही रहीं।

आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव के मुताबिक संक्रमण की वजह से यात्रियों का आवागमन बहुत कम है जिसकी वजह से तेजस ट्रेन का संचालन अभी फिलहाल के लिए 23 तारीख से बंद किया जा रहा है. आगे फिर से इसे कब शुरू करना है यह कुछ दिन बाद तय किया जाएगा।

सीटें खाली रहने से ट्रेन को औसतन रोजाना 9 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था। तेजस को चलाने के एवज में रेलवे को रोजाना 13 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता है। इसी नुकसान के चलते यह कदम उठाया गया है।

लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली दूसरी गाड़ियों को भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से शताब्दी, लखनऊ मेल व एसी स्पेशल जैसे वीआईपी ट्रेनों में हर चेयरकार से लेकर स्लीपर तक की सीटें खाली चल रही हैं।

दरअसल सरकार यह उम्मीद कर रही थी कि त्योहारों के सीजन में यात्री ट्रेन के जरिए ही सफर करेंगे। लेकिन नतीजा इसके बिल्कुल विपरीत ही निकला।

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