आगरा में एक जगह को घटिया आजम खाँ क्यों कहा जाता है ?

यह घटिया बिगड़ा हुआ नाम है। पहले यह घाटी था, क्योंकि निचला इलाका है। घाटी से घटिया हो गया। इसके साथ आजम खां इसलिए जुड़ा क्योंकि यहां खान-ए-आजम रहते थे।

इतिहासकार राज किशोर शर्मा राजे ने अपनी पुस्तक ‘तवारीख ए आगरा’ में इसका उल्लेख किया है। मुगल बादशाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर का एक वजीर था मिर्जा अजीज कोका। उसे उपाधि दी गई थी खान-ए-आजम की। उसकी हवेली थी घाटी में। यहां बरसात में पानी भर जाता था।

इतना पानी होता था कि नाव तक चल जाए। तब इस इलाके को घाटी कहा जाता था। खान ए आजम रहने लगे तो उनके नाम से घाटी खान ए आजम हुआ। फिर घाटी आजम खां और बाद में घटिया आजम खां हो गया। मुगल दौर के बाद भी इसका यही नाम रहा।

घटिया आजम खां अब फर्नीचर की बड़ी मंडी है। यहां फर्नीचर के बड़े शोरूम और दुकानें हैं, जिनकी संख्या 100 से ज्यादा हैं। लोहे की अलमारी, कांच की मेज आदि भी यहां मिलती हैं।

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