आंदोलनकारियों ने लाल किले पर तिरंगे को उतारकर दूसरा ध्वज क्यों फहरा दिया ? जानिए वजह

सच्चाई ये है कि जहां दूसरे झंडे को टांगा गया था वहां पर तिरंगा नहीं था, बल्कि उस लोहे के खंभे पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा फहराया जाता है।

लाल किले पर जो तिरंगा था, उसे किसी ने हाँथ भी नहीं लगाया। बल्कि उसके नीचे एक खंभे पर प्रदर्शनकारियों ने अपने 2 झंडे टांग दिए।

जो दो झंडे टांगे गए उनमें सिक्खों का एक धार्मिक झंडा था जबकि दूसरा झंडा किसी किसान संगठन का था।

झंडा किसी का भी हो, मैं ऐसी हरकत का विरोध करता हूँ। किसी भी कीमत पर लालकिले पर की गई हरकतों का समर्थन नहीं किया जा सकता है।

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