असल में रावण कौन से शापित देव थे?
भगवान विष्णु के द्वारपाल थे जय और विजय जो एक ऋषि के अभिशाप के कारण राक्षस जन्म प्राप्त किया । अभिशाप पाने के बाद जय और विजय ने उन महर्षि से अनुरोध किया था कि वे अति शीघ्र भगवान विष्णु के पास आना चाहते हैं इसलिए महर्षि कॖपा करके उन्हें शाप मुक्त होने का उपाय बताए तब महर्षि ने कहें थे.
कि भगवान विष्णु ही उनको शाप मुक्त करे॑गे किन्तु अगर मित्र के रुप भगवान ने उन्हें शापमुक्त करने आये॑गे तो राक्षस जन्म से मुक्त होने में उनको बहुत समय लगेगा और भगवान उनके जीवन में शत्रु के रुप में आये॑गे .
तो अति शीघ्र उनको राक्षस जन्म से मुक्ति मिलेगी तब उन महर्षि को अनुरोध करके जय विजय अति शीघ्र भगवान के पास आने के लिए भगवान के शत्रु बनना ही स्वीकार किया और तब जय का जन्म रावण के रुप में और विजय का जन्म कुम्भकर्ण के रुप में हुआ ।