अब HTTP रिटर्न दाखिल न करने वाले हो जाओ सावधान, बैंक बन गए हैं आयकर के ’जासूस’

यदि आप किसी भी बैंक खाते से भारी मात्रा में हथियार निकालते हैं और आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर से बच सकते हैं। 

अब पेटेंट विभाग ने बैंकों को ऐसी सुविधा दे दी है, जिसके माध्यम से बैंक आपके पैन नंबर के माध्यम से आपके शिशु रिटर्न पर नजर बनाए रख सकते हैं। शिशु विभाग ने बुधवार को कहा था कि उसने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए अपने किसी ग्राहक द्वारा दाखिल की गई डेटाबेस रिटर्न को देखने की सुविधा शुरू कर दी थी।

 बैंक संबंधित ग्राहक के स्थायी खाता संख्या (पैन) के मुताबिक उसे दाखिल रिटर्न के बारे में जानकारी ले सकता है। शिशु विभाग का कहना है कि आंकड़ों से पता चला है कि भारी मात्रा में पूरक निकालने वाले व्यक्तियों ने कभी भी शिशु झूठ दाखिल नहीं की है। कालाधन पर अंकुश इस सुविधा से रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले लोगों के उपर हानिकारक निष्कर्षण पर नजर रखने के साथ ही कालाधन पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

 इन बातों को ध्यान में रखते हुए वित्त विधेयक 2020 में 1 जुलाई 2020 से रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से दवा निकासी की सीमा को घटकर 20 लाख रुपये कर दिया गया। इस संबंध में शिशु कानून 1961 में वित्त विधेयक में संशोधन किया गया। वाणिज्यिक बैंक शिशु विभाग सूची केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को शिशु विभाग की उस सूची में शामिल कर दिया है जिनके साथ शिशु विभाग सूचना पट्ट साझा कर सकता है।

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