अब आपको नहीं देखने को मिलेंगे ट्रेनों मे नहीं रहेंगे जनरल कोच. जाने डिटेल

पश्चिम रेलवे साधारण यात्री कोच की भीड़ को कम करने व उसमे बैठने वाले यात्रियों को सहजता से सीट की उपलब्धता कराने के लिए ट्रेनों के साधारण कोच को भी आरक्षित करने की योजना बना रहा है।

इस योजना को रेलवे बोर्ड के निर्देश पर उत्तर रेलवे ने ट्रायल के रुप में लागू कर दिया है। हालाकि पश्चिम रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक योजना को लागू करने पर ट्रेनों में अतिरिक्त जनरल कोच लगाए जाएंगे। रेलवे के अनुसार मुंबई व मध्य-मुंबई से चलने वाली ट्रेनों में इस योजना को आगामी माहों में लागू किया जाएगा।

फिलहाल इसको उत्तर रेलवे ने गौरखधाम एक्सपे्रस ट्रेन में प्रयोग के रूप में शुरू किया है। पश्चिम रेलवे बोर्ड के आदेश के बाद उन ट्रेनों की छंटनी कर रहा है, जिनमे इस योजना को लागू करना है। इस सुविधा से जनरल कोच में यात्रियों को आसानी से सीट की उपलब्धता होगी। योजना लागू करने के बाद जनरल कोच का नाम बदलकर डी-1, 2 आदि रखा जाएगा। इसमें यात्रियों के टिकट पर कम से कम 15 रुपए का भार बढ़ेगा। इस योजना से यात्रियों को लाभ होगा। इससे सीट की उपलब्धता सहज होगी व भीड़ से मुक्ति मिलेगी।

इसका यह मतलब कतई नहीं है कि अब नॉन एसी कोच होंगे ही नहीं। असल में नॉन एसी कोच वाली ट्रेन की रफ्तार एसी कोच वाली ट्रेनों के मुकाबले कम होगी सबसे बड़ी बात ये हैं कि जनरल कोच में यात्री को चढऩे-उतरने में समस्या का सामना नहीं करना होगा।जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा उन्हें दूसरे ट्रेन पर आश्रित होना पड़ेगा।

सवारी ट्रेनों अर्थात हबीबगंज स्तर की ट्रेनें पर लागू नहीं होगी व्यवस्था।मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें के 130 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की रफ्तार से चलने पर नॉन-एसी कोच तकनीकी समस्याएं पैदा करती हैं। इसलिए इस तरह की सभी ट्रेनों से स्लीपर कोच को खत्म कर दिया जाएगा

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