अपनी सादगी और जबरदस्त परफॉर्मेंस से यह इंडियन क्रिकेटर बन गया है पूरी दुनिया के लिए इंस्पिरेशन

आजकल दर्शक फिल्मी सितारों से ज्यादा स्पोर्ट्स में दिलचस्पी लेते हैं, क्योंकि यह खिलाडी खुद को इतना ज्यादा फिट रखते है, जिसके सामने बॉलीवुड के अच्छे से अच्छे एक्टर भी पीछे रह जाते है। स्पोर्ट्स प्लेयर्स को लोगों द्वारा बहुत ज्यादा पसन्द किया जाता है, जिसके कारण इनकी फैन फॉलोइंग भी बहुत ज्यादा होती है। लोगों को क्रिकेट और फुटबॉल देखना ज्यादा पसन्द होता है। जिससे ये क्रिकेटर और फुटबॉलर को ज्यादा पसन्द करते हैं। आज हम एक ऐसे ही इंडियन क्रिकेटर के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनकी सादगी और परफॉर्मेंस ने सभी का दिल जीत लिया है हम बात कर रहे हैं मशहूर क्रिकेटर राहुल द्रविड़ के बारे में-

राहुल द्रविड़ एक इंडियन क्रिकेटर हैं। राहुल द्रविड़ को इंडिया के साथ- साथ दुनिया भर के लोग पसन्द करते हैं। इंडिया में राहुल द्रविड़ के करोड़ों फैन्स हैं। राहुल द्रविड़ की फैन फॉलोइंग दुनिया भर में है। राहुल द्रविड़ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं। यह इंडिया के बेहतरीन बल्लेबाज और विकेटकीपर भी रहे हैं।

राहुल द्रविड़ इंडियन टीम के चट्टान थे। इनके सामने कोई भी बॉलर ज्यादा समय तक टिक नही पाते थे। इन्होंने कैप्टन के रूप में अपनी टीम को बहुत ज्यादा सम्भाला और बहुत से ट्रॉफी भी इंडिया के नाम करवाई। यह एक बहुत ही अच्छे और नेक दिल इंसान है।आज भी राहुल इंडिया के अंडर-19 की टीम को ट्रेन करते हैं। यह इंडियन अंडर-19 टीम को मॉनिटर करते हैं। इनके सभी स्टूडेंट इन्ही की तरह बहुत ही बेहतरीन बल्लेबाज हैं।

राहुल द्रविड़ को पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। राहुल ने सभी तरह की क्रिकेट से सन्यास ले लिया है। लेकिन इनके फिटनेस को देखकर बिल्कुल भी अंदाजा नही लगाया जा सकता है, की इनकी उम्र 47 साल हो रही है।

राहुल द्रविड़ ने सभी देशों के खिलाफ शतक लगाए हैं। अपने समय मे राहुल द्रविड़ ने बहुत से टेस्ट और वर्ल्ड कप भारत के नाम कराए हैं। अपनी 2 साल की कप्तानी में इन्होंने इंडियन क्रिकेट टीम का नाम पूरी दुनिया मे ऊंचा किया है।

आज भी राहुल द्रविड़ की कमी इंडियन टीम को बहुत ज्यादा खलती है। इनके फैन्स आज भी इन्हें देखकर बहुत ज्यादा खुश होते हैं। आज के यंग प्लेयर्स के लिये राहुल द्रविड़ इंस्पिरेशन हैं। इन्होंने कड़ी मेहनत करके यह नाम कमाया है। इनके संघर्ष पर दो किताबें भी लिखी गयी हैं।

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